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अपनी 10 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) कर्मचारी संघ की अनिश्चितकालीन हड़ताल कोरबा जिले में भी तीसरे दिन जारी रही। इस दौरान, जिले के स्वास्थ्य कर्मियों ने सरकार का ध्यान खींचने के लिए एक अनूठा और प्रतीकात्मक कदम उठाया। उन्होंने अपनी मांगों को खून से लिखकर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र भेजा है।
कोरबा के एनएचएम कर्मचारी पिछले तीन दिनों से अपनी विभिन्न मांगों को लेकर जिला मुख्यालय पर धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। इन मांगों में प्रमुख रूप से नियमितीकरण, वेतन विसंगतियों को दूर करना, संविदा कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों के समान सुविधाएं देना और अन्य लंबित मुद्दों का समाधान शामिल है। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार उनकी जायज मांगों को लगातार अनदेखा कर रही है, जिसके कारण उन्हें मजबूरन यह रास्ता अपनाना पड़ा है।
प्रदर्शन कर रहे एक कर्मचारी ने बताया, “हमने कोरोना महामारी के दौरान अपनी जान की परवाह किए बिना काम किया। हमें उम्मीद थी कि सरकार हमारे योगदान को पहचानेगी और हमारी मांगों को पूरा करेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। आज भी हमें कम वेतन और असुरक्षित भविष्य के साथ काम करना पड़ रहा है।”हड़ताल के तीसरे दिन, कर्मचारियों ने एकजुटता दिखाते हुए अपने खून की कुछ बूंदों का उपयोग कर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के नाम एक पत्र लिखा। इस पत्र में उन्होंने अपनी पीड़ा और मांगों को विस्तार से बताया है। यह कदम इस बात को दर्शाता है कि वे अपनी मांगों को लेकर कितने गंभीर और दृढ़ हैं।
