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रेत घाट का विरोध कर रहे ग्रामीणों ने कलेक्टर को घेरा, जमकर किया हंगामा
कोरबा. कोरबा में रेत घाट के विरोध में ग्रामीणों ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा हैं। कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर अजगरबहार के पास ग्राम पंचायत चुईया में रेत खदान की स्वीकृति देने पर स्थानीय ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं। सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों ने कलेक्टर अजीत वसंत को रेत घाट को बंद करने के संबंध में ज्ञापन सौंपा।
सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे ग्रामीणों ने कलेक्टर अजीत वसंत को घेर लिया. लंच में कलेक्टर, कलेक्ट्रेट से जब बाहर निकले, तब ग्रामीणों ने उनका रास्ता रोका और उन्हें रेत घट को बंद करने के संबंध में ज्ञापन सौंपा। कलेक्टर ने उन्हें कहा कि, “यह विषय मेरे संज्ञान में है. आवेदन चौथी बार आया है.” इसके बाद ग्रामीण गुस्से में कहने लगे कि एक बार और हमारी बात तो सुनिए. हंगामा होता देख कलेक्टर वहां से निकल गए. इसके बाद ग्रामीणों को शांत करने के लिए पुलिस को बुलाना पड़ा।
रेत घाट को लेकर ग्रामीण दो हिस्सों में बंट गए है। बड़ी तादात में ग्रामीण इस रेत घाट का विरोध कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि “इससे नदी का जल प्रदूषित होगा। सरपंच ने अपनी मनमानी कर फर्जी ग्राम सभा के आधार पर रेत घाट को स्वीकृत कराया है। ग्रामीणों का कहना है कि सरपंच की मनमानी चरम पर हैं। जिसने रेत माफियाओं से सांठ-गांठ कर रेत घाट का संचालन शुरू कराया है।” वहीं, दूसरी तरफ सरपंच का कहना है कि “मैंने ग्रामीणों के गलत कार्यों को बंद कर दिया। इसलिए वह इस रेत घाट का विरोध कर रहे हैं।”
औद्योगिक जिला होने के कारण कोरबा में हमेशा रेत की डिमांड बनी रहती है। अवैध उत्खनन भी जोरो पर रहता है। ऐसे में शासन ने ऐसे रेत घाटों का चिन्हांकन कर जहां से अवैध उत्खनन किया जा रहा है। इन रेतघाटों को सरकार ने वैधानिक प्रक्रिया के तहत वैध घाट बना दिया है, लेकिन अब ग्रामीण इसका विरोध कर रहे हैं।
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