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कलेक्टर के अनुशंसा पर जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किया आदेश
कोरबा/पोड़ी उपरोड़ा :- 14 माह अनुपस्थित रहने के बाद भी वेतन आहरण करने वाले व्याख्याता के तनख्वाह से राशि की वसूली होगी। ऐसा आदेश कलेक्टर के अनुशंसा पर जिला शिक्षा अधिकारी ने जारी किया है और व्याख्याता के वेतन से समान मासिक किश्तों में राशि वसूली करने हेतु प्राचार्य कोरबी चोटिया को आदेशित किया गया है।
ज्ञात हो कि पोड़ी उपरोड़ा ब्लाक के पाली हाईस्कूल में पदस्थ व्याख्याता भरतलाल कुर्रे के विरुद्ध मई 2023 से जून 2024 तक बिना उपस्थिति 14 माह का वेतन लेने की शिकायत जिला कांग्रेस कमेटी ब्लाक अध्यक्ष बबलू मारूवा द्वारा गत 10 जुलाई 2024 को जिला शिक्षा अधिकारी से कर कार्यवाही की मांग की थी।
शिकायत के आधार पर कराए गए जांच में इस बात की पुष्टि हुई कि व्याख्याता भरतलाल कुर्रे द्वारा 14 माह अनुपस्थित रहकर इस अवधि का वेतन आहरण किया गया है।
व्याख्याता को बीते 20 अक्टूबर को कारण बताओ नोटिस जारी कर 3 दिवस के भीतर जवाब मांगा गया था। वहीं वित्तीय अनियमितता के इस मामले को कलेक्टर ने भी गंभीरता से संज्ञान में लिया और उनके अनुशंसा पर जिला शिक्षाधिकारी टी.पी. उपाध्याय द्वारा व्याख्याता के तनख्वाह से राशि वसूली के आदेश जारी किए है।
जिसके अनुसार क्र.- 449/ शिकायत जांच/ 2024- 25, दिनाँक- 03/10/2024, श्री भरतलाल कुर्रे व्याख्याता हाईस्कूल पाली, विकासखण्ड पोड़ी उपरोड़ा का मई 2023 से लेकर जून 2024 तक बिना उपस्थिति के वेतन आहरण करने की शिकायत प्राप्त हुआ था। शिकायत की जांच हेतु दो प्राचार्य की जांच समिति गठित कर जांच कराया गया।
जांच अधिकारियों के द्वारा दिये गए जांच प्रतिवेदन में आहरण संवितरण अधिकारी प्राचार्य कोरबी चोटिया द्वारा हाईस्कूल पाली के उपस्थिति पत्रक का अनदेखा किया गया। साथ ही विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी पोड़ी उपरोड़ा से श्री भरतलाल कुर्रे व्याख्याता के उपस्थिति के संबंध में न जानकारी ली गई और न ही उपस्थिति पत्रक मांगा गया।
इस प्रकार बिना उपस्थिति के ही वेतन आहरण किया गया। अतः भरतलाल कुर्रे व्याख्याता का मई 2023 से जून 2024 तक बिना उपस्थिति के प्राप्त किया गया वेतन को समान मासिक किश्तों में वसूली करने हेतु आहरण संवितरण अधिकारी प्राचार्य कोरबी चोटिया को आदेशित किया जाता है।
यह मामला कलेक्टर के संज्ञान में आने के बाद शिक्षा विभाग द्वारा राशि वसूली की कार्यवाही तो की गई, किन्तु वित्तीय अनियमितता बरतने के दोषी व्याख्याता को बीआरसी की जिम्मेदारी सौंपे जाने को लेकर विभाग पर सवाल खड़े हो रहे है।