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रायपुर। विष्णुदेव साय कैबिनेट के विस्तार की अटकलेंं एक बार फिर तेज है। सब कुछ ठीक रहा, तो इसी महीने कैबिनेट विस्तार हो सकता है। खबरें मिल रही है कि हरियाणा पैटर्न पर ही छत्तीसगढ़ में कैबिनेट का विस्तार होगा। यानी कैबिनेट में 12 की जगह 13 मंत्री होंगे। लेकिन, सूत्र छः मंत्रियों के शपथ ग्रहण का दावा कर रहे हैं। अगर छः मंत्री शपथ लेते हैं, तो जाहिर है मौजूदा मंत्रिमंडल में से किन्हीं चार को ड्राप करना होगा? लेकिन मंत्रिमंडल से बाहर होने वाला चेहरा कौन होगा? इस पर सस्पेंस बना हुआ है।
15 जून तक हो सकता है शपथ
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में राज्यपाल अभी बाहर हैं। वे 13 जून को लौट रहे हैं। ऐसे में 15 जून तक मंत्रिमंडल का विस्तार की संभावना है। 14 से 15 जून के बीच शपथ ग्रहण की तारीख हो सकती है। 13 जून को राज्यपाल वापस रायपुर लौटेंगे। उसके बाद शपथ ग्रहण राजभवन में हो सकता है।
छः मंत्री ले सकते हैं शपथ
अगर संभावित मंत्रियों की बात करें तो अमर अग्रवाल को मंत्रिमंडल में जगह मिलनी तय है। इसके अलावे बस्तर को मजबूत करने के लिए लता उसेंडी को मंत्रिमंडल में जगह दिया जा सकता है। अभी लता उसेंडी बस्तर विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष है। लता उसेंडी पहले भी मंत्री पद की दावेदारों में रही थी, लेकिन सरकार गठन की फाइनल लिस्ट में लता उसेंडी का नाम नहीं था। दुर्ग संभाग से गजेंद्र यादव का नाम इस बार भी मंत्री की लिस्ट में देखा जा रहा है। गजेंद्र यादव पहली बार विधानसभा चुनाव जीतकर आये हैं। वह RSS कैडर से हैं। वहीं उत्कल समाज के प्रतिनिधि के तौर पर रायपुर संभाग से पुरंदर मिश्रा को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। इनके अलावा राजेश मूड़त और अजय चंद्राकर भी मंत्री पद की रेस में शामिल हैं।
किसे किया जायेगा ड्राप?
लेकिन अगर छः मंत्रियों का शपथ हुआ, तो फिर किन चार मंत्रियों को ड्राप किया जायेगा? इसे लेकर अभी स्थिति पूरी तरह से साफ तो नहीं है, लेकिन कहा जा रहा है कि सरगुजा से किसी मंत्री को ड्राप किया जा सकता है। सरगुजा से एक मंत्री घटाकर, बस्तर में प्रतिनिधित्व बढ़ाया जायेगा। इसी तरह बिलासपुर, रायपुर और दुर्व संभाग से एक एक मंत्री की छुट्टी की जाएगी। फिलहाल अटकलें तेज है, लेकिन दावा यही किया जा रहा है कि इस बार मंत्रियों का शपथ जून महीने में ही हो जायेगा।
विधायकों में असंतोष
एक अन्य जानकारी के अनुसार भाजपा के विधायकों में काम काज को लेकर भारी आक्रोश है। विधायकों की ना तो अधिकारी सुन रहे हैं और न ही मंत्री। मुख्यमंत्री से भेंट करने का मतलब है, एवरेस्ट फतह करना। ऐसे में अगर कांग्रेस पार्टी कोई गुड़ा भाग करने में जुट जाएं तो आश्चर्य नहीं।
संसदीय सचिव 13 होंगे
सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी नेतृत्व को भी पार्टी विधायकों में व्यापक असंतोष की जानकारी हो चुकी है। यही वजह है कि मंत्रियों के साथ-साथ 13 विधायकों को संसदीय सचिव का झुनझुना पकड़ाने की भी योजना है। ये 13 विधायक वही हैं जो पार्टी फोरम में किसी ना किसी रूप में अपनी नाराजगी जाहिर करते आ रहे है। बताया जाता है कि पार्टी के ही कुछ नेता विधायकों को बगावत के लिए उकसा रहे हैं। आश्चर्य नहीं अगर इन नेताओं का टारगेट खुद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय हों। बहरहाल आने वाले समय में कुछ बड़ा होने के आशंका जताई जा रही है।
