views
रायपुर:ईडी ने कांग्रेस शासन काल में कोरबा में हुए सवा छः करोड़ के डीएमएफ घोटाले को लेकर निलंबित आईएएस अधिकारी रानू साहू को गुरुवार 17 अक्टूबर को रिमांड में लिया है। वह पहले से ही 450 करोड़ रुपए के कोल लेवी वसूली और मानी लॉन्ड्रिंग घोटाले में जेल में बंद हैं।
विशेष कोर्ट ने गुरुवार को रानू साहू को 22अक्टूबर तक ईडी की रिमांड पर दिया हैं। और ईडी को अगले पांच दिन,दिन भर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक पूछताछ की अनुमति होगी। और रानू साहू के स्वजन को एक दिन छोड़ कर उनसे मिलने की अनुमति भी दी है।
बता दे की बुधवार को रानू साहू को जेल से अदालत में पेश किया जाना था,लेकिन उनकी तबियत खराब होने के चलते उन्हें अदालत में पेश नहीं किया जा सका। बताया जा रहा है कि रानू साहू को हाइपर टेंशन की समस्या हुई ,जिसके चलते उनकी पेशी स्थगित कर दी गई ,उनकी गिरफ्तारी एक दिन टल गई थी , लेकिन गुरुवार को उन्हें ईडी ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया।
गौरतलब हैं कि इस घोटाले में कोरबा में आदिवासी विभाग की सहायक आयुक्त रही माया वारियर को ईडी ने गिरफ्तार कर रिमांड में लिया हैं।
रानू साहू पर डीएमएफ फंड के दुरुपयोग का आरोप
ईडी के विशेष लोक अभियोजक डॉ. सौरभ पांडेय ने बताया कि रानू साहू पर आरोप है कि उन्होंने कोरबा में 2021-2022 और रायगढ़ में 2023 के दौरान कलेक्टर रहते हुए डीएमएफ फंड का दुरुपयोग किया और फर्जीवाड़ा किया। जांच के दौरान ईडी को इस संबंध में कई सबूत मिले हैं।
सुनवाई के दौरान रो पड़ी रानू साहू
रानू साहू को रायपुर की PMLA स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। जहां सुनवाई के दौरान उसकी आंखों से आंसू बहने लगे। उन्होंने कोर्ट में कहा कि, प्रताड़ित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि, कोल मामले में मुझे सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल चुकी है। उसके बाद भी एक के बाद एक केस लगाए जा रहे हैं। एक साथ सारा केस लगा दीजिए। रानू साहू ने आगे कहा कि, जेल में रहते 16 महीने हो चुके हैं। एक-दो साल और रह सकती हूं। उसने आरोप लगाया कि, मेरा हेल्थ चेकअप नहीं किया जाता है। मुझे स्वास्थ्य सुविधाएं मिलनी चाहिए, लेकिन नहीं दी जा रही हैं। इसके अलावा मुझे सोनोग्राफी और अन्य चैकअप करवाना है, लेकिन कई महीनों से यह नहीं हो पा रहा है।
वकील ने साजिश के तहत प्रताड़ित करने का लगाया आरोप
वहीं रानू साहू के वकील फैसल रिजवी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केस की पैरवी करते हुए कोर्ट को बताया कि, ED की ओर से डीएमएफ मामले 2023 में ECIR दर्ज कर ली गई थी, लेकिन अब तक कोई जांच नही की गई। जब रानू साहू को कोल मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है और लेकिन एसीबी के केस में कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। ऐसे में उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और सोची समझी साजिश के तहत ऐसा किया जा रहा है।
न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद रानू को 22 अक्टूबर तक पांच दिन की रिमांड मंजूर की है। कोर्ट ने यह भी तय किया है कि पूछताछ के दौरान रानू के परिवार और वकील एक दिन छोड़कर शाम 5.30 बजे उनसे मिल सकेंगे।