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मेयर रहेंगे या हटेंगे? जाति प्रमाण पत्र निरस्त के बाद क्या SDM नपेंगे….
रायपुर/कोरबा। नगर पालिक निगम, कोरबा के महापौर राजकिशोर प्रसाद के जाति प्रमाण पत्र को आदिम जाति विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय प्रमाणीकरण छानबीन समिति ने निरस्त कर दिया है। यह कार्रवाई तो हो गई लेकिन सवाल यह भी रह गया कि उस समय पदस्थ एसडीएम ने स्थायी प्रमाण पत्र जारी कैसे कर दिया? निरस्त करने के बाद अब उन पर किस तरह की कार्रवाई शासन के द्वारा की जाएगी, यह देखना होगा? क्योंकि उन्होंने गलत प्रमाण पत्र जारी किया और इसमें शामिल सम्बंधित कर्मियों की भी भूमिका जांची जानी चाहिए।
0 राजनीतिक के गलियारे में खलबली,भाजपा में उबाल
कांग्रेस के महापौर का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर देने के बाद शहर की राजनीति में खलबली मच गई है। नगर निगम का चुनाव होने में अभी लगभग 5 माह का वक्त है और इससे पहले प्रमाण पत्र निरस्त कर देने के बाद अब सवाल यह उठ गया है कि क्या इसके आधार पर श्री प्रसाद आगामी 5 महीने तक महापौर रह पाएंगे? अभी उनका रुख स्पष्ट नहीं हो सका है क्योंकि उनसे संपर्क नहीं हो पाया। दूसरी तरफ भाजपा अब पूरा जोर लगा रही है कि महापौर को कुर्सी से हटाया जाए और उनकी जगह भाजपा से ही महापौर मनोनीत किया जाए लेकिन इसमें भी काफी वैधानिक-संवैधानिक पेंच है जिसको पूरा करते तक कम से कम 2 से 3 माह का वक्त तो लग ही सकता है। अब जो भी मनोनीत महापौर होगा वह दो से ढाई माह का ही माना जा सकता है। वैसे मनोनीत महापौर बिठाना भी किसी चुनौती से काम नहीं होगा अगर भाजपा नेताओं में होड़ मच गई! हालांकि इस बारे में कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने रास्ता निकालना शुरू कर दिया है। यह भी हो सकता है कि श्री प्रसाद को सदभावना पूर्वक निगम चुनाव की आचार संहिता लागू होने तक महापौर रहने ही दिया जाए !