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बलौदाबाजार जिले के चर्चित सेक्स स्कैंडल में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने तत्कालीन थाना प्रभारी अमित तिवारी की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है। मालूम हो कि तिवारी पर ब्लैकमेलिंग और 15 लाख रुपये की अवैध उगाही में शामिल होने के गंभीर आरोप हैं। इससे पहले बलौदाबाजार सत्र न्यायालय ने भी उनकी जमानत याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि ऐसे मामलों में जमानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा। जिला कोर्ट ने तिवारी के खिलाफ दर्ज अपराध को गंभीर माना और उनकी भूमिका पर सवाल उठाए। इस स्कैंडल की जांच में पुलिस ने अब तक महिला दलाल, एक नेता, पुलिस आरक्षक और मीडिया से जुड़े कई लोगों सहित आठ से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें से कुछ आरोपी जमानत पर रिहा हो चुके हैं, जबकि बाकी अब भी जेल में हैं। पुलिस को शक है कि इस मामले के तार कई बड़े अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों से जुड़े हो सकते हैं। हाई कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद अमित तिवारी की गिरफ्तारी की संभावना तेज हो गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, बलौदाबाजार पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए जल्द कार्रवाई कर सकती है। अपने बचाव में अमित तिवारी ने आरोप लगाया था कि उन्हें राजनीतिक द्वेष के चलते फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं पर की गई कार्रवाई के कारण उन्हें निशाना बनाया गया। हालांकि, कोर्ट ने इस दलील को खारिज कर दिया।