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सरकार की मंशा पर कालिख पोत रहा है डीटीओ विभाग,,कोरबा में परिवहन विभाग में अधिकारी --कर्मचारियों की इतनी सेटिंग और ऊपर की पहुँच है की दस्तावेजीय सबूतों के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं...
कहा से लाते इतनी मोटी चमड़ी

कोरबा – जिला परिवहन कार्यालय में मृत व्यक्ति की गाड़ी का फर्जी नाम ट्रांसफर को लेकर लगातार शिकायत एवं समाचार प्रकाशन के बावजूद दोषियों के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। शिकायत के सारे सबूत दस्तावेजीय प्रमाण के साथ कार्यालय को उपलब्ध करा दिया गया है बावजूद जिम्मेदार शिकायतकर्ता का सामना करने के बजाय मूकदर्शक बनकर तमाशा देखने में लगे हुए हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ की सुशासन सरकार की प्रशासनिक व्यवस्था एवं कार्रवाई पर भी सवाल उठने लगा है। लोगों का कहना है कि जिला परिवहन अधिकारी भ्रष्ट है या फिर सुशासन सरकार के सरकारी सिस्टम?

 

 

 

छत्तीसगढ़ राज्य अपना 25 वाँ स्थापना दिवस मनाने जा रही है लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में प्रशासनिक व्यवस्था ने लोगों पर भरोसा दिला पाने में नाकाम नजर आ रही है जिसकी बानगी भी देखने को मिल रही है। एक तरफ जहां प्रदेश की बीजेपी सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ नकेल कसने एवं त्वरित कार्रवाई करने के दावे कर रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ कोरबा जिले में शिकायत पर शिकायत होने के बाद भी मामले को दबा दिया जा रहा है। आखिरकार प्रदेश में यह कैसी सुशासन सरकार चल रही है?

 

कोरबा जिले के एक भ्रष्ट अधिकारी डीटीओ  एवं उनके मातहत कर्मचारियों विकास ठाकुर और अतुल तिवारी ने एजेंट के साथ मिलकर सरकार को ही कटघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। लेकिन इस सरकार के प्रशासनिक खेमे ने भ्रष्टाचारियों को ही सुरक्षा कवच पहनाने में लगी हुई है। लेकिन ये अधिकारी इस बात को भूल रहे हैं कि मामला केंद्र तक भी पहुंच सकता है और कार्रवाई की गाज ऐसे भ्रष्ट अफसर पर भी गिर सकती है।

 

आपको बता दे पूर्व में जिला परिवहन कार्यालय कोरबा में मृत व्यक्ति की गाड़ी का फर्जी नाम ट्रांसफर को लेकर लगातार शिकायत की गई थी, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने शिकायत को अपने फाइलों में दबा कर रख लिया जिसके कारण शिकायतकर्ता द्वारा डीटीओ कोरबा विवेक सिन्हा को स्मरण पत्र देते हुए 7 दिन का अल्टीमेटम देकर जांच करने की मांग की थी लेकिन यह अल्टीमेटम भी अधिकारी के रवैए को बदल नहीं सका। अधिकारी को इस बात का भी डर नहीं है कि कही मामला आगे न बढ़ जाए और उनकी नौकरी पर बात आ जाए।

 

 

 

खैर भ्रष्टाचार तभी होता है जब सरकारी सिस्टम ही खराब हो और छत्तीसगढ़ प्रदेश में आज यही हालात नजर आ भी रहे हैं जो किसी से छुपी भी नहीं है, शायद यही कारण है कि सरकार बार – बार जनता की टकराव में हैं। फिर भी न्याय की उम्मीद में इस मामले की शपथ पूर्वक शिकायत सीधे सरकार से की जाएगी और शिकायत करते हुए भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई करने की मांग की जाएगी।

 

पुलिस अधीक्षक से होगी शिकायत…

मृत व्यक्ति की गाड़ी का फर्जी नाम ट्रांसफर करने वाले जिला परिवहन अधिकारी विवेक सिन्हा, कथित एजेंट लालू राठौर एवं कर्मचारियों विकास ठाकुर सहित सभी के खिलाफ पुलिस अधीक्षक कोरबा से लिखित शिकायत की जाएगी तथा शिकायत में जांच करते हुए अपराध दर्ज करने की मांग की जाएगी।

 

 

अटैचमेंट के खिलाफ होगी शिकायत

छत्तीसगढ़ में सरकारी नियम जारी हो चुके हैं जिसमें किसी भी कार्यालय में कर्मचारियों का अटैचमेंट नहीं किया जा सकता है और जो पूर्व में अटैचमेंट हो चुके थे उनको तत्काल उनके मूल पद स्थापना में वापस भेजना भेजने की कार्रवाई की गई थी। लेकिन कुछ लोग अभी भी अटैचमेंट में रहकर सरकारी निर्देशों को ठेंगा दिखा रहे हैं। ऐसे लोगों के खिलाफ भी शिकायत की जाएगी।

 

 

 

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