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कोरबा। गोपाष्टमी पर्व के पावन अवसर पर इस वर्ष कनबेरी गौशाला में श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा। यह आयोजन केवल एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, परंपरा और गौ-सेवा की अमर भावना का सजीव प्रतीक बनने जा रहा है।
सभी गौ भक्तों, परिवारजनों और श्रद्धालुओं से हार्दिक निवेदन है कि वे अपने परिवार और मित्रों सहित कनबेरी गौशाला अवश्य पधारें, गौ माता और गौ गोपाल जी के दर्शन कर दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।गोपाष्टमी का यह आयोजन गौ सेवा, गौ पूजन और गौ प्रेम के माध्यम से जीवन में पुण्य, शांति और सकारात्मकता का संचार करने का सुनहरा अवसर है। गौमाता भारतीय संस्कृति की आत्मा हैं, और उनका पूजन हमारे संस्कारों की मूल जड़ है।
आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पूरे परिसर को फूलों और दीपों से सजाया है। वातावरण में भक्ति, श्रद्धा और लोक संस्कृति की झलक दिखाई देगी।
✨ कार्यक्रम के विशेष आकर्षण ✨
📿 सुबह 8:00 से 10:00 बजे तक – गौ पूजन एवं गौ गोपाल जी का दर्शन
📚 *गौ माता से संबंधित डाक टिकट एवं गौ ग्रंथों की प्रदर्शनी
🎭 सुबह 11:30 से दोपहर 1:00 बजे तक – मंचीय सांस्कृतिक कार्यक्रम
🍛 दोपहर 1:00 बजे से – गौ माता की इच्छा तक महाप्रसाद वितरण
📸 आकर्षक सेल्फी पॉइंट
🍃 गौमाता भोग सामग्री एवं सेवा स्टॉल
🙏 संकल्प हेतु विद्वान ब्राह्मण व पंडितजी की उपस्थिति
🐄 गौदान एवं तुलादान सेवा का विशेष अवसर
🚗 सुविधाजनक पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था
♿ व्हीलचेयर सुविधा उपलब्ध
🌺 गौ सेवा से मिलेगा आत्मिक आनंद और पुण्य का वरदान
आयोजन समिति के सदस्यों ने बताया कि इस वर्ष का गोपाष्टमी पर्व विशेष रूप से “गौ सेवा – संस्कार और श्रद्धा” विषय पर केंद्रित है। श्रद्धालु यहां गौमाता की सेवा कर अपने जीवन को धन्य बना सकेंगे।
स्थानीय विद्वान ब्राह्मणों द्वारा गौ पूजन, आशीर्वाद व संकल्प विधि संपन्न कराई जाएगी। साथ ही गौमाता भोग सामग्री एवं तुलादान सेवा का आयोजन भी भक्तों के लिए विशेष आकर्षण रहेगा।
कार्यक्रम स्थल पर भक्तों की सुविधा हेतु पार्किंग, पेयजल, विश्राम स्थल, चिकित्सा सुविधा और सुरक्षा व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा गया है।
🙏 संस्कृति से जुड़ने और श्रद्धा का अनुभव करने का दुर्लभ अवसर
गोपाष्टमी केवल पूजा का पर्व नहीं, बल्कि यह हमारे समाज के नैतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को सशक्त करने का दिवस है।
कनबेरी गौशाला समिति ने सभी गौभक्तों से आह्वान किया है —
“आइए, इस गोपाष्टमी पर हम सब मिलकर गौमाता की सेवा से अपने जीवन को पवित्र करें और भारतीय संस्कृति की ज्योति को और प्रखर बनाएं।”
