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30%से कम वाले प्राचार्य/शिक्षक पर कार्रवाई सम्भव..! कलेक्टरों को आया यह निर्देश
रायपुर/ कोरबा। शासकीय विद्यालयों के सत्र 2023-24 में बोर्ड कक्षाओं के परीक्षा परिणामों की समीक्षा करने के विषय में छत्तीसगढ़ शासन के स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा कोरबा जिला सहित समस्त जिला कलेक्टरों को पत्र लिखा गया है।
इस निर्देश पत्र में कहा गया है कि सत्र 2023-24 के कक्षा 10वीं एवं 12वीं वार्षिक बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित किये जा चुके हैं। बोर्ड परीक्षा में अधिकांश विद्यालयों ने उत्कृष्ट / बेहतर प्रदर्शन किए हैं, किन्तु कुछ विद्यालयों का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। दोनों ही स्थितियों में परीक्षा परीणामों का विश्लेषण किया जाना आवश्यक है, जिससे कि आगामी सत्र में गुणवत्ता युक्त शिक्षा/ स्तर सुधार के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार कर कार्य किया जा सके। इस हेतु आपको कक्षा 10 वीं एवं 12 वीं बोर्ड के परिणामों की सॉफ्ट कॉपी उपलब्ध कराई जा रही है जिसमें उन विद्यालयों को क्रम में ऊपर रखा गया जहां अनुत्तीर्ण विद्यार्थियों की संख्या / प्रतिशत सर्वाधिक है, जिससे कि प्रथमतः इन विद्यालयों पर फोकस कर कार्य किया जा सके।
कलेक्टरों को कहा गया है कि अपने जिले के शासकीय विद्यालयों के प्राचार्यों की बैठक आयोजित कर कक्षा 10वीं एवं 12वीं के परीक्षा परिणामों की समीक्षा करना सुनिश्चित करें जिससे कि आपके जिले में, आगामी शिक्षा सत्र में अकादमिक गुणवत्तायुक्त अध्ययन-अध्यापन प्रारंभ हो सकें। समीक्षा हेतु कुछ सुझावात्मक बिन्दु निम्नानुसार है-
- परीक्षा परिणामों की विद्यालयवार/विषयवार / शिक्षकवार समीक्षा की जाये। परीक्षा परिणामों की समीक्षा हेतु परीक्षा परिणाम के आधार पर विद्यालयों को चार स्तर में वर्गीकृत किया जा सकता है –
- 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालय।
.30 प्रतिशत से अधिक एवं 60 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालय।
• 60 प्रतिशत से अधिक एवं 90 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालय। - 90 प्रतिशत से अधिक परीक्षा परिणाम वाले विद्यालय।
कहा गया है कि 30 प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम वाले विद्यालयों के प्राचार्यों तथा विषय शिक्षकों से स्पष्टीकरण प्राप्त करें। यदि स्पष्टीकरण समाधान कारक हो तो विद्यालय/शिक्षकों के समस्या समाधान की दिशा में पहल की जावें। यदि स्पष्टीकरण समाधान कारक न हो तो संबंधित प्राचार्य/शिक्षक के विरूध्द कार्यवाही किये जाने हेतु प्रस्ताव राज्य शासन को प्रेषित करें।
जिन विद्यालयों के परीक्षा परिणाम 30 प्रतिशत से अधिक एवं 60 प्रतिशत से कम हैं ऐसे प्राचार्यों/शिक्षको से इसका कारण जानने का प्रयास कर उसका निराकरण करें जिससे कि उनके आगामी परीक्षा परिणाम में सुधार परिलक्षित हों। इसी तरह अन्य निर्देश भी शासन द्वारा दिए गए हैं।