views
कोरबा नगर के मुख्य सड़कों पर हुए डामरीकरण कार्य की.ठेका कंपनी मे.अभिनव कंस्ट्रक्शन के द्वारा नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत चार अलग-अलग स्थान पर सड़क डामरीकरण का कार्य किया गया था। इस वर्ष बारिश होते ही उपरोक्त सड़कें उखड़ गईं।
सड़कों की बदहाली को स्थानीय मीडिया के द्वारा जोर-शोर से उठाया गया
सड़कों की बदहाली को स्थानीय मीडिया के द्वारा जोर-शोर से उठाया गया तो निगम प्रशासन ने ठेकेदार अभिनव कंस्ट्रक्शन की निगम में जमा परफॉर्मेंस गारंटी की राशि तथा अमानत राशि को रातसात कर लिया। निगम अधिकारियों ने बताया कि ठेकेदार को लगातार सड़क की मरम्मत के लिए नोटिस जारी किया गया था परंतु ठेकेदार के द्वारा सड़क की मरम्मत नहीं कराई जा रही थी जिसके चलते यह कार्यवाही
वहीं ठेकेदार ने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला व्यक्तिगत द्वेष से जुड़ा
वहीं ठेकेदार ने आरोप लगाया कि यह पूरा मामला व्यक्तिगत द्वेष से जुड़ा हुआ है। उन्होंने बताया कि निगम अधिकारियों द्वारा कमीशन खाने के चक्कर में उनके द्वारा कराए गए अन्य निर्माण कार्यों का भुगतान नही किया जा रहा था। किस न किसी बहाने से निगम अधिकारियों द्वारा उनकी भुगतान फाइलों को लंबित रखा जा रहा था। साथ ही कई फाइलों को गुम कर दिया जा रहा था। इससे त्रस्त होकर ठेकेदार ने निगम को लीगल नोटिस भेजा जिसके बाद से अधिकारियों द्वारा इनके विरुद्ध बदले की भावना से कार्यवाही की जाने लगी।
ठेकेदार ने बताया कि कानूनी कार्यवाही का बदला लेने के लिए ही निगम द्वारा सड़क निर्माण के कार्य को लेकर उन्हें टारगेट किया गया। जिन सड़कों की मरम्मत की बात निगम द्वारा की जा रही है उनका निर्माण पूर्ण किये उन्हें 3 वर्ष से अधिक का समय व्यतीत हो चुका है। निविदा शर्तों के अनुसार सड़कों के रखरखाव का कार्य उन्हें 3 वर्ष तक करना था जो कि उनके द्वारा किया भी गया है और रखरखाव अवधि के दौरान निगम प्रशासन के आदेश पर सड़क की मरम्मत भी की गई थी।
वर्तमान में रखरखाव की अवधि पूर्ण हो चुकी है और वह सड़कों के मरम्मत करने के लिए बाध्य नहीं है। ठेकेदार ने बताया कि इस बात की सूचना उनके द्वारा निगम प्रशासन को पहले ही पत्र के माध्यम से दी जा चुकी थी परंतु निगम के अधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत द्वेष के चलते बैक डेट में नोटिस जारी किया गया और अवैधानिक कार्रवाई करते हुए उनके परफॉर्मेंस राशि तथा अमानत राशि को राजसात कर लिया गया। ठेकेदार ने यह भी आरोप लगाया कि जिस नोटिस को आधार बनाकर कार्यवाही की गई है वह नोटिस उन्हें प्राप्त ही नहीं हुआ है।
बहरहाल अब मामला न्यायालय की शरण में
बहरहाल अब मामला न्यायालय की शरण में है तो इस मामले में कौन सा पक्ष सही है या कौन गलत इस पर टिप्पणी उचित नहीं. लेकिन यह बात भी अपने आप में सत्य है की शहरवासियों को बदहाल सड़को पर आवागमन करने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.ठेकदार और निगम प्रशासन के विवाद में उलझी सड़को का मरम्मत कार्य कब शुरू होगा इस संबध में स्पष्ट कुछ भी नहीं है।
निगम की सता में कांग्रेस का दबदबा है इसलिए बदहाल सड़क के मुद्दे को लेकर तमाम बड़े से छोटे नेता शांत है वही विपक्ष की भूमिका भी आमजनों के समझ से परे है. आगामी निगम चुनाव में शहर की मुख्य सड़को की बदहाली का बड़ा मुद्दा बनेगा इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता क्योंकि यह सीधा पब्लिक से जुड़ा हुआ मुद्दा है।
सड़क की जर्जर हालत से आमजन काफी परेशान है और जब भी इन सड़को पर निकलते है न चाहते हुए भी उनके मुंह से अपशब्द निकल ही जाते है.