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पकड़े गए आरोपियो के खिलाफ वन जीव अधिनियिम के तहत कार्रवाई की जा रही है
कोरबा। कटघोरा वन मंडल क्षेत्र के अंतर्गत जंगल में व्यस्क तेंदुए की लाश मिलने और उसके अंग गायब होने के मामले का खुलासा हो गया है। इस वारदात में शामिल तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों को पकड़ने में जंगल सफारी के स्नाइपर डॉग की की अहम भूमिका रही . तीनों आरोपी तेंदुए के दांत और नाखून समेत पकड़ लिए गए। इनमें से दो पिता पुत्र हैं, जिन्होंने अपने बछड़े के शिकार से नाराज होकर तेंदुए को जहर देकर मार डाला। कुछ देर बाद वहां से गुजर रहे तीसरे आरोपी ने जंगल में तेंदुए का शव पड़ा देखा। इस मौके का फायदा उठाकर वह उसके दांत, नाखून और चमड़ी काट ले गया।
बता दे की ग्राम राहा के जंगल में बुधवार की सुबह 11 बजे ग्रामीणों ने एक तेंदुए की लाश को देखा. उसके छह नाखून दो दांत व पीठ से चालीस बाय पचास सेंटीमीटर चमड़ी निकाल ली गई थी। घटना स्थल से कुछ दूर कटी हुई पूंछ वन विभाग ने बरामद किया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में तेंदुए को जहर देकर मारने की पुष्टि हुई थी। वन अधिनियम प्रावधानों को तहत तेंदुए का अंतिम संस्कार किया गया। गुरूवार को वन विभाग की टीम ने घटना स्थल के आसपास के क्षेत्र को फिर से खंगालना शुरू किया। इस दौरान एक गाय के बछड़े का शव मिला। जिसके आधे से अधिक भाग को जंगली जानवर ने खा लिया था। अधिकारियों को तभी संदेह हो गया था कि बछड़े में ही जहर देकर तेंदुए को मारा गया है। इसकी पुष्टि उस वक्त हो गई जब डाग स्क्वायड की टीम घटना स्थल से करीब एक किलो मीटर दूर ग्राम भवरदा निवासी गोविंद सिंह गोंड़ 52 वर्ष के घर जाकर रूका। पूछताछ करने पर उसने स्वीकार कर लिया कि मृत मिला बछड़ा उसका है और तेंदुए के शिकार किए जाने से वह आक्रोशित था। बदला लेने के लिए उसने अपने पुत्र लालसिंह 23 वर्ष के साथ बछड़े के शव में ही जहरीला जड़ी बूटी व फोरेट छिड़क दिया था। वन विभाग ने पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया है। वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत सभी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई कर न्यायालय में प्रस्तुत करने की तैयारी की जा रही है।
जहर देकर तेंदुए को मारने वाले पिता-पुत्र तो पकड़ लिए गए हैं पर तेंदुए के दांत और नाखूनों समेत लापता हुए अंगों को किसने गायब किया, इसकी भी जांच अभी बाकी है। आरोपियों का कहना है कि उन्होंने तेंदुए को जहर देकर मारा जरूर पर उसके अंग काटकर कौन ले गया, इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। इसके बाद फिर वन विभाग के अधिकारियों ने पतासाजी शुरू की तो मिसिया दर्रीपारा में रहने वाले रामप्रसाद सिंह 44 वर्ष का पता चला। टीम उसके घर पहुंची और तालाशी ली। तब घर में जानवर पकड़ने के उपयोग में आने वाला जाल मिला। पूछताछ करने पर उसने तेंदुए के अंग निकालने का अपराध स्वीकार कर लिया।
पाली रेंजर संजय लकड़ा ने बताया कि जहर देकर मारने वाले तीन लोगों को पुलिस और डॉग स्क्वायड की मदद से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियो के खिलाफ वन जीव अधिनियिम के तहत कार्रवाई की जा रही है।