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अपने पैरों पर खुद चलकर गया मरीज, जान से खिलवाड़ का आरोप निराधार: डॉ. चंदानी
संबंधित मरीज का वीडियो और जानकारी साझा किया

अपने पैरों पर खुद चलकर गया मरीज, जान से खिलवाड़ का आरोप निराधार: डॉ. चंदानी

कोरबा। न्यू कोरबा हॉस्पिटल में इलाज कराने आए जख्मी मरीज गिरधारी लाल नामदेव की जान से खिलवाड़ करने संबंधी लगाए जा रहे आरोपों को एनकेएच के डायरेक्टर डॉ. एस चंदानी ने सिरे से खारिज किया है। उन्होंने इसके संबंध में तथ्य और वीडियो साझा करते हुए स्पष्ट किया है कि वह मरीज स्वयं सीढ़ियों से उतरकर बिना किसी सहारे के अकेले खुद पैदल चलते हुए अस्पताल से हंसी खुशी अपने घर के लिए रवाना हुआ तो भला उसकी जान से खिलवाड़ कैसे हुआ!
दरअसल न्यू कोरबा हॉस्पिटल प्रबंधन के द्वारा मरीज के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर शिकायत कोरबा कलेक्टर,पुलिस अधीक्षक कोरबा एवं मानव अधिकार आयोग,स्वास्थ्य मंत्री सहित संबंधित विभागों से की गई है। शिकायतकर्ता गिरधारी लाल नामदेव के साथ 11 अप्रैल को कुसमुंडा खदान परिसर में कुछ लोगों के द्वारा मारपीट की गई थी और आरोपी उसे मरा हुआ समझकर छोड़कर भाग गए थे। उसे परिजनों द्वारा न्यू कोरबा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था जिसका इलाज कई दिनों तक चला। इसी बीच एनकेएच के डॉक्टरों द्वारा पीड़ित को जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया और पीड़ित के परिजनों द्वारा मना करने पर भी उसका पूरा इलाज नहीं किया गया बल्कि अभद्र व्यवहार करते हुए हॉस्पिटल से छुट्टी करा दी गई। घर जाने के कुछ दिन आराम करने के बाद पीड़ित के पैर एवं शरीर के अन्य हिस्सों में दर्द होने पर बिलासपुर अपोलो हॉस्पिटल में मेडिकल चेकअप कराया गया,जिसमें पता चला कि पैर के पास एड़ी की हड्डी टूटी हुई है जिसे जानबूझकर एनकेएच द्वारा लापरवाही पूर्वक जानबूझकर छुपाया गया,जिसका इलाज पीड़ित द्वारा अन्य हॉस्पिटल में करवाया जा रहा है।
इस तरह के आरोप और शिकायत को एनकेएच के डायरेक्टर डॉ. एस चंदानी ने पूरी तरह से निराधार बताया है। उन्होंने कहा है कि मरीज गिरधारी लाल नामदेव का पूरी तरह से इलाज अस्पताल में किया गया और उपचार से वह यहां संतुष्ट भी रहा तथा पूर्ण रूप से स्वस्थ होने के बाद ही छुट्टी करा कर घर गया था। हमारे संस्थान में किसी भी मरीज को बिना उसकी अथवा परिजन की सहमति के बगैर डिस्चार्ज नहीं किया जाता तो आधे-अधूरे इलाज का प्रश्न ही नहीं उठता। भर्ती हुए मरीज की जान बचाना, उसका बेहतर से बेहतर उपचार करना हमारा परम कर्तव्य है और इसमें किसी भी तरह की लापरवाही और कोताही एनकेएच प्रबंधन अथवा स्टाफ ने कभी भी नहीं किया है।

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