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कोरबा। “जाको राखे साईयां, मार सके न कोय….”। अभी नवरात्रि पर माँ जगदम्बा की आराधना में हर कोई लीन है। इस साल की नवरात्रि पुरुषोत्तम मलिक और उसके परिजनों के लिए जीवन भर ईश्वर का धन्यवाद करने वाली हो गई है, जब साक्षात मौत उसके हाथ से आकर निकल गई। वह अत्यंत जहरीले करैत के दंश का शिकार होते बाल-बाल बच गया।
नवरात्रि के अवसर पर मंदिरों के साथ-साथ पूजा पंडालों में हजारों की संख्या में लोग सपरिवार माता के दर्शन करने पहुंच रहे हैं। अलग-अलग क्षेत्रों में गरबा नृत्य करने भी जा रहे हैं।इन्हीं में गेरवाघाट निवासी पुरूषोत्तम मलिक अपने परिवार के साथ मंदिर दर्शन करने के पश्चात घर की ओर पहुंचे ही थे कि डीडीएम रोड राम दरबार के सामने से गुजरते वक्त चलती स्कूटी के वाइजर से एक साँप निकल कर उनके हथेली में चलता महसूस हुआ। मलिक को जैसे ही हथेली पर ठंडक महसूस हुई तब तुरंत उन्होंने हाथ पर ध्यान दिया तो देखा कि एक काले रंग का साँप हाथ पर बैठ गया है। फिर क्या था पुरुषोत्तम मलिक की सांस अटक गई और तुरंत गाड़ी रोक कर झटके से हाथ को हटाया तब साँप वाइजर में वापस घुस गया।।राम मंदिर के सामने स्कूटी में साँप घुसने की जानकारी मिलते ही लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई। इसकी जानकारी पर रेस्क्यु टीम प्रमुख जितेंद्र सारथी ने किसी प्रकार की छेड़खानी करने से मना किया। साथ ही उस व्यक्ति को सर्प दंश तो नहीं हुआ, यह भी पूछा और थोड़ी देर में डीडीएम रोड पहुंच कर लोगों को गाड़ी से दूर किया। बड़ी सावधानी से धीरे-धीरे वाइजर को निकालना शुरू किया और फ़िर सामने जो मंजर था, उसे देख कर लोगों ने कहा यह “यह करैत है जिसका काटा पानी नहीं मांगेगा ”। करैत को सुरक्षित रेस्क्यु कर डिब्बे में बंद किया तब जाकर लोगों ने राहत की साँस लिया। करैत को सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया।