Vijay Dubey (Editor in Chief)
+919165012144
Abhishekk Singh Anant (Reporter)
+919039150523
Contact for News & Advertisements
menu
AWESOME! NICE LOVED LOL FUNNY FAIL! OMG! EW!
हसदेव अरण्य में पेंड कटाई पर सुप्रीम कोर्ट का हाईकोर्ट को फरमान, गुण दोष के आधार पर एक माह के भीतर सुनवाई कर फैसला करें ,इस समूह की उम्मीदों को लग सकता है झटका!
एक महीने में देना होगा फैसला

दिल्ली | सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 2 मई 2024 को पारित उस आदेश को निरस्त कर दिया है, जिसमें हसदेव अरण्य संघर्ष समिति की पीईकेबी (परसा ईस्ट केते बासन) कोल ब्लॉक में पेड़ कटाई पर रोक लगाने वाली याचिका को निरस्त किया गया था।

 

 

चीफ जस्टिस डी वाय चंद्रचूड़ जस्टिस पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट को इस याचिका पर पुनः सुनवाई करने और एक महीने के भीतर फिर से फैसला करने के निर्देश दिए हैं।अदालत ने कहा कि यह फैसला गुण दोष के आधार पर किया जाए।

 

गौरतलब है कि इसके पहले दो बार तकनीकी कारणों के आधार पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट पेड़ कटाई पर रोक लगाने वाली याचिका को निरस्त कर चुका है।

 

हसदेव अरण्य के पी ई के बी कोल ब्लॉक में, जो कि राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम को आवंटित है और जहां खदान संचालन का पूरा काम अदानी कंपनी के हाथ में है, उसके दूसरे चरण में पेड़ों की कटाई को रोक लगाने के लिए हसदेव अरण्य संघर्ष समिति द्वारा बिलासपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।

 

याचिका में तर्क दिया गया है कि पीईकेबी फेस-2 का जंगल घाटबर्रा गांव एवं अन्य गांव के लिए सामुदायिक वन अधिकार का जंगल है और उसे गलत तरीके से रद्द किया गया है। 2022 में भी जब फेस-2 में पेड़ों की कटाई शुरू हुई थी, उस समय हसदेव अरण्य संघर्ष समिति के द्वारा हाईकोर्ट में इस कटाई पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की गई थी।

इसे हाईकोर्ट में यह कहकर निरस्त कर दिया था कि वन अनुमति के आदेश, जो 2 फरवरी 2022 और 25 मार्च 2022 को पारित हुए हैं उन्हें समिति ने चुनौती नहीं दी है।

इस समय समिति द्वारा सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका लगाई गई थी, जिसे 16 अक्टूबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने यह कहकर निराकृत किया था कि संशोधन याचिका के माध्यम से वन अनुमति दिए जाने वाले आदेशों को चुनौती देकर वे पुनः पेड़ कटाई पर रोक लगाने की याचिका हाईकोर्ट में लगा सकते हैं।

इस के बाद संघर्ष समिति द्वारा नवंबर 2023 में ही छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में संशोधन याचिका और पेड़ कटाई पर रोक लगाने वाली याचिका पर बहस की गई थी।।हाईकोर्ट द्वारा इसका निर्णय 2 मई 2024 को दिया गया, जिसमें संशोधन याचिका को तो स्वीकार किया गया परंतु पेड़ कटाई पर रोक लगाने वाली याचिका को यह कहकर निरस्त कर दिया गया कि पहले भी एक बार ऐसी याचिका हाईकोर्ट के द्वारा निरस्त की जा चुकी है,अर्थात दूसरी बार भी बिना गुण दोष के आधार पर यह याचिका निरस्त कर दी गई।

 

 

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को पेड़ कटाई पर रोक लगाने वाली याचिका को एक महीने के भीतर सुनकर गुण-दोष पर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं और साथ ही याचिकाकर्ता को यह छूट दी गई है कि यदि एक महीने में सुनवाई पूरी नहीं होती है तो वह फिर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता चंद्र उदय सिंह ने बहस की और उनके साथ अधिवक्ता प्योली भी थी।

YOUR REACTION?

Contact us for Website, Software & Android App development : Click Here