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*एसईसीएल के शीर्ष अधिकारियों का कारनामा: बुड़बुड़ में घटित हत्या के मामले में फरार आरोपी सब एरिया मैनेजर चौहान को दिया प्रमोशन, जनरल मैनेजर (ऑपरेशन) व स्टाफ आफिसर (पीएंडपी) के पद पर कुसमुंडा परियोजना में नई पदस्थापना*
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*कोरबा/पाली:-* एसईसीएल की सरायपाली परियोजना अंतर्गत बुड़बुड़ ओपन कास्ट खदान में घटित ट्रांसपोर्टर रोहित जायसवाल हत्याकांड के गंभीर मामले में गैर जमानती धाराओं के तहत अपराध दर्ज होने के बाद से फरार आरोपी सब एरिया मैनेजर सुरेंद्र सिंह चौहान पर विभागीय कार्रवाई के बजाय प्रमोशन का तोहफा देते हुए उन्हें कुसमुंडा परियोजना में नई पदस्थापना दी गई है। जिसे लेकर एसईसीएल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे है।
ज्ञात हो कि गत 28 मार्च 2025 की रात घटित घटना में आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई के चलते ट्रांसपोर्टर रोहित जायसवाल की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। पाली थाना में मृतक के भाई अनिल जायसवाल की शिकायत पर 16 लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया गया, जिसमें 16वें आरोपी के रूप में सुरेंद्र सिंह चौहान का नाम शामिल है। उन पर बीएनएस की धारा 191(2), 191(3), 190, 103(1), आर्म्स एक्ट की धारा 25, 27 और धारा 61(2)(ए) (आपराधिक षड्यंत्र) के तहत आरोप हैं। जिसमे धारा 190 के तहत गैरकानूनी समूह के सदस्यों को समूह के अपराध के लिए सामूहिक रूप से जिम्मेदार ठहराया जाता है और हत्या जैसे गंभीर अपराध में जमानत की संभावना कम होती है। पुलिस के मुताबित चौहान घटना के बाद से फरार हैं और उनकी गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो सकी है। इसके बावजूद, 15 अप्रैल 2025 को एसईसीएल मुख्यालय बिलासपुर से जारी 33 अधिकारियों की प्रमोशन सूची में चौहान को जनरल मैनेजर (ऑपरेशन) और स्टाफ ऑफिसर (पीएंडपी) के रूप में कुसमुंडा परियोजना में पदस्थ किया गया। इस निर्णय ने एसईसीएल प्रशासन की नीयत और जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। ऐसे में जानकारों का कहना है कि जब चौहान की भूमिका पर कोयला उद्योग, पुलिस और राजनीतिक हलकों में चर्चा हो रही थी, तब उन्हें प्रमोशन देना नियमों की अनदेखी नही तो और क्या है। सामान्य परिस्थितियों में गंभीर धाराओं में आरोपी शासकीय कर्मचारी को तत्काल निलंबित किया जाता है। लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं हुआ और नियम के विपरीत गंभीर धाराओं के आरोपी चौहान को प्रमोशन देकर नई पदस्थापना सूची भी जारी की गई। जिसे लेकर सवाल उठ रहे हैं कि क्या अधिकारी होने के कारण चौहान को विशेष छूट दी जा रही है? बता दें कि हत्या के इस मामले की गहन जांच चल रही है। दोनों पक्षों से कई लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किए गए हैं और यह संभावना है कि कुछ नाम दुर्भावना से शामिल किए गए हों। पुलिस का कहना है कि वह यह सुनिश्चित करने के लिए बारीकी से जांच कर रही है कि किसी निर्दोष को सजा न मिले। कहीं न कहीं यह मामला एसईसीएल प्रशासन की जवाबदेही पर सवाल उठाता है।
