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कोरबा के घने जंगलों को लगेगा कोयला खदानों का ग्रहण
कोरबा l मनोज शर्मा l हसदेव के बाद अब कोरबा के करतला ब्लॉक के जंगलों का सफाया होना तय हो गया है। कोल मंत्रालय ने कमर्शियल माइनिंग के लिए जो नीलामी प्रक्रिया शुरू की है उसमें कोरबा के करतला ब्लॉक स्थित चार कोयला भण्डार भी शामिल है।इन चार कोयला ब्लॉक में करतला साउथ,करतला नॉर्थ,कोटमेर साउथ और कोटमेर नॉर्थ शामिल है।यहां 2317 मिलियन टन कोयले का भंडार होना आंकलित किया गया है।
हालांकि नीलामी की सूची में उक्त चारों ब्लॉक को रायगढ़ मांड क्षेत्र का बताया गया है किंतु ये दरअसल कोरबा जिले में स्थित है।
शुक्रवार को कोयला मंत्री जी किशन रेड्डी ने कमॅर्शियल कोल माइनिंग के तहत कोयला खदानों की नीलामी के 10वें दौर की शुरुआत की। 8 राज्यों के 67 कोल ब्लॉक्स की नीलामी की जाएगी। इनमें छत्तीसगढ़ राज्य के कोरबा,रायगढ़ और अन्य जिले की 17 कोयला खदानें सम्मिलित हैं। 17 में चार कोल ब्लॉक्स कोरबा जिले में स्थित है।जिनका विवरण इस प्रकार है:
1. करतला नार्थ
कोलफील्ड्स : मांड रायगढ़
क्षेत्रफल : 36.4 Sq. km
ग्रीन कवर : 54%
कोल रिजर्व : 450 MT
2. करतला साउथ
कोलफील्ड्स : मांड रायगढ़
क्षेत्रफल : 36.4 Sq. km
ग्रीन कवर : 50%
कोल रिजर्व : 1160 MT
3. कोटमेर नार्थ
कोलफील्ड्स : मांड रायगढ़
क्षेत्रफल : 37.08 Sq. km
ग्रीन कवर : 36%
कोल रिजर्व : 617 MT
4. कोटमेर साउथ
कोलफील्ड्स : मांड रायगढ़
क्षेत्रफल : 37.08 Sq. km
ग्रीन कवर : 33%
कोल रिजर्व : 90 MT
यहां यह उल्लेखनीय है कि करतला आदिवासी बाहुल्य घना वनांचल है।जो हाथियों का भी अब रहवास क्षेत्र सा हो गया है।कोरबा जिला का करतला ही ऐसा ब्लॉक है जहां अब तक कोयला खदानें शुरू नहीं हुई है।
पहले भी सूची से 5 कोल ब्लॉक हटाए गए थे
कोरबा और सरगुजा की सीमा से लगे हुए हसदेव अरण्य क्षेत्र का मामला अभी गरमाया हुआ है. दो साल पहले भी कमर्शियल माइनिंग के लिए नीलामी शुरू की गई थी।बाद में इसकी प्रक्रिया रोक दी गई थी।
केंद्र सरकार ने कमर्शियल माइनिंग के तहत विभिन्न औद्योगिक घरानों से निविदाएं आमंत्रित की हैं. यह निविदा इसी माह के अंत में खुलेंगी. दरअसल कमर्शियल माइनिंग के तहत ही पहले चरण में जब नीलामी के लिए कोल ब्लॉक की सूची जारी हुई थी. तब भी कोरबा की सीमा से लगे मोरगा साउथ मोरगा 2, मदनपुर नॉर्थ, श्यांग और फतेहपुर ईस्ट सूची में शामिल थे. जिसे लेकर भी विरोध हुआ था. जनप्रतिनिधियों ने पत्राचार किया था. तब केंद्र सरकार ने भारी विरोध के बाद इन 5 कोल ब्लॉक के नाम सूची से हटा दिए थे.