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छत्तीसगढ़ में 'दागियों' पर 'सुप्रीम' आदेश का उल्लंघन:विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 47%, बीजेपी ने 18% प्रत्याशियों के क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं कराए पब्लिश
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के दो महीने बाद भी सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने वाले नेताओं पर कार्रवाई नहीं हुई है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को नेताओं के अपराध की जानकारी प्रकाशित करने का निर्देश दिया गया था।
कांग्रेस ने 47%, बीजेपी ने 18% प्रत्याशियों के रिकॉर्ड का प्रकाशन नहीं करवाया, इनमें 24 प्रत्याशियों पर गंभीर मामले दर्ज थे। विधानसभा चुनाव में 958 प्रत्याशी मैदान में थे। इनमें से 52 (18%) प्रत्याशियों ने अपराध के रिकॉर्ड का उल्लेख शपथ पत्र में किया था।

इनमें से कुछ प्रत्याशियों ने प्रारूप सी-7 (समाचार पत्र में आपराधिक रिकॉर्ड छपवाने की रिपोर्ट) की रिपोर्ट जमा की, लेकिन राजनीतिक पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों की प्रारूप सी-7 (समाचार पत्र में आपराधिक रिकॉर्ड छपवाने की रिपोर्ट) चुनाव आयोग में जमा करना जरूरी नहीं समझा।
इन सबके बाद भी निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करने वाले नेताओं पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की है। चुनाव आयोग के अधिकारियों की इस लचर कार्यप्रणाली का फायदा आपराधिक रिकॉर्ड वाले राजनेताओं को मिल रहा है।

कांग्रेस-बीजेपी ने नहीं प्रकाशित करवाया विज्ञापन
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में बीजेपी ने 17, कांग्रेस ने 15, आम आदमी पार्टी ने 16, बीएसपी ने तीन और सीपी ने एक आपराधिक बैकग्राउंड वाले प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था। इनमें से कांग्रेस ने 47 प्रतिशत और बीजेपी ने 18 प्रतिशत प्रत्याशियों का प्रारूप सी-7 (समाचार पत्र में आपराधिक रिकॉर्ड छपवाने की रिपोर्ट) जमा नहीं की है।
इस तरह के केस दर्ज हैं प्रत्याशियों के खिलाफ
- धन संशोधन निवारण अधिनियम
- बदनाम करने
- धोखाधड़ी
- आईटी एक्ट
- बलवा
- मारपीट
- शासकीय कार्य में बाधा
- प्रॉपर्टी विवाद
- धोखाधड़ी
प्रत्याशियों को उम्मीदवार बनाने का कारण भी नहीं बता पाई पार्टियां
विधानसभा चुनाव 2023 में कांग्रेस और बीजेपी ने आपराधिक बैकग्राउंड वाले नेताओं को पार्टी का प्रत्याशी क्यों बनाया? यह कारण भी निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को लिखित रूप से देना था। कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं ने गंभीर आपराधिक बैकग्राउंड वाले 17 प्रत्याशियों को पार्टी का प्रत्याशी बनाए जाने का कारण बता दिया। लेकिन 13 उम्मीदवारों को पार्टी का प्रत्याशी क्यों बनाया गया
इसकी जानकारी पार्टी के नेता नहीं दे पाए। जिन प्रत्याशियों के संबंध में कांग्रेस और बीजेपी के नेता जवाब नहीं दे पाए, उस लिस्ट में कांग्रेस नेता आशीष छाबड़ा, शैलेष पांडेय और बीजेपी नेता ओपी चौधरी शामिल है।
