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छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज गूंजेगा आरक्षण मुद्दा:क्वांटिफायबल डाटा आयोग सवालों में, इस पर 1 करोड़ से ज्यादा खर्च; पहली बार मंत्री लक्ष्मी देंगी जवाब
छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज गूंजेगा आरक्षण मुद्दा:क्वांटिफायबल डाटा आयोग सवालों में, इस पर 1 करोड़ से ज्यादा खर्च; पहली बार मंत्री लक्ष्मी देंगी जवाब

छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज गूंजेगा आरक्षण मुद्दा:क्वांटिफायबल डाटा आयोग सवालों में, इस पर 1 करोड़ से ज्यादा खर्च; पहली बार मंत्री लक्ष्मी देंगी जवाब

छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र मंगलवार को हंगामेदार होने के आसार हैं। आरक्षण, 3100 में धान की खरीदी, आंगनबाड़ी की व्यवस्था, रेडी टू इट, DMF फंड में गड़बड़ी जैसे मुद्दे सदन में उठाए जाएंगे।

 

वहीं महिला स्व सहायता समूह, बस्तर में खनिज न्यास के उपयोग, शराब दुकानों का राजस्व, रेत खदान, आंगनवाड़ी भवन, कस्टम मिलिंग, राशन में अनियमितता जैसे मुद्दे विधानसभा में उठाए जाएंगे।

पहली बार सबसे युवा मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े विधायकों के सवालों का जवाब देंगी। दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने सरकार से बिजली उत्पादन की जानकारी मांगी है। इस पर भी जवाब आएगा।

आरक्षण के मामले पर क्या बोली सरकार
विधानसभा में विधायक अजय चंद्राकर ने अपनी सरकार से क्वांटिफायबल डाटा आयोग के बारे में सवाल किया है। उन्होंने पूछा है कि इस आयोग का गठन कब और किस उद्देश्य से किया गया ? कार्यकाल कितनी बार बढ़ाया गया?

रिपोर्ट राज्य सरकार को कब सौंपी गई ? इसके अध्यक्ष व सदस्य कौन थे, इन्हें क्या सुविधा दी गई कितनी राशि खर्च की गई ? क्वांटिफिएबल डाटा आयोग ने क्या अनुशंसा की और क्या डाटा सार्वजनिक किया गया था ?

इस सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने लिखित जवाब पेश किया है। सरकार ने बताया है कि क्वांटिफाएबल डाटा आयोग सामान्य प्रशासन के आदेश पर 11 सितंबर 2019 को बनाया गया।

इसमें राज्य की जनसंख्या में अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के सर्वेक्षण करने के लिए डाटा इकट्ठा किया जाना था। 10 बार इसका कार्यकाल बढ़ाया गया 31 दिसंबर 2022 तक के लिए आखिरी बार कार्यकाल बढ़ाया गया था।

इस आयोग ने 21 नवंबर 2022 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। आयोग के अध्यक्ष रिटायर्ड जिला एवं सेशन के जज थे आयोग में सदस्य नियुक्त नहीं किए गए थे। आयोग के अध्यक्ष को मानदेय के तौर पर और अन्य सुविधाएं मिलाकर कुल 1 करोड़ 7 लाख 6856 रुपए खर्च किए गए।

आयोग ने प्रतिवेदन में अनुशंसा नहीं की लेकिन अपने निष्कर्ष दिए जिसके आधार पर 1 और 2 दिसंबर 2022 को विधानसभा के विशेष सत्र में राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ लोक सेवा में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 लाया। आयोग का डाटा सार्वजनिक नहीं है।

 

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