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जयसिंह अग्रवाल को क्लीन चिट… नोटिस के जवाब से हाई कमान संतुष्ट.. कांग्रेस इलेक्शन कमेटी में शामिल किया..
कोरबा: अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल को क्लीन चिट दे दी हैं.यह बात इसलिए कही जा सकती हैं क्योंकि लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बनी महत्वपूर्ण छत्तीसगढ़ कांग्रेस इलेक्शन कमेटी की 18 सदस्यों वाली टीम में जयसिंह अग्रवाल को भी शामिल किया गया हैं।टीम में प्रदेश के दिग्गज नेता भूपेश बघेल, डॉ चरणदास महंत,दीपक बैज, टीएस सिंहदेव सहित अन्य नेताओं को शामिल किया गया हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय जनरल सेक्रेटरी के.सी.वेणुगोपाल ने अपने हस्ताक्षरयुक्त पत्र से इलेक्शन कमेटी की धोषणा की हैं।
बता दे कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रदेश के मुखिया पर गंभीर आरोप लगाने का हवाला देते हुए एक नोटिस पूर्व विधायक एवं प्रदेश में राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल को दिया गया था औऱ तीन दिन में उन्हें नोटिस का जवाब देना था। संभवतः उन्होंने समय सीमा के अंदर नोटिस का जवाब दे दिया हो औऱ जवाब से पूरी तरह प्रदेश कांग्रेस संतुष्ट हो, इसी वजह से अग्रवाल को छत्तीसगढ़ कांग्रेस इलेक्शन कमेटी का मेम्बर बनाया गया हैं।
बता दे कि रामानुगंज के पूर्व विधायक वृहस्पति सिंह को भी प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाने पर नोटिस दिया गया था किन्तु नोटिस के जवाब में बृहस्पति ने वहीं बात लिख दी थी जो आरोप उन्होंने मीडिया के सामने प्रदेश प्रभारी रही कुमारी शैलजा पर लगाया था। वृहस्पति सिंह का जवाब मिलते ही बगैर विलम्ब करे प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया। इसी के साथ ऐसी ही कार्यवाही एक अन्य पूर्व विधायक विनय जायसवाल पर भी की गई थी।
सूत्रों के हवाले से जो जानकारी सामने आई हैं उसके अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी नेताओ ने जयसिंह अग्रवाल को पार्टी से निष्कासित कराने की भरपूर कोशिश की लेकिन उन्हें अपनी मंशा में सफलता इसलिए नहीं मिली क्योंकि कांग्रेस के कतिपय केंद्रीय नेताओ से भी अग्रवाल के तालुकात काफी मधुर हैं और प्रदेश में दिग्गज कांग्रेस नेता डॉ चरणदास महंत के वे काफी करीब हैं वहीं महंत, गांधी परिवार के नजदीक हैं.
■पूर्व विधायक बृहस्पति औऱ विनय का आरोप..फिर निष्कासन
छत्तीसगढ़ के कांग्रेस पार्टी के नेता पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह और विनय जायसवाल वह नेता है जिनका साल 2023 विधानसभा चुनाव में टिकट काट दिया गया था टिकट कटने से नाराज दोनों ही नेता, कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसमें बृहस्पत सिंह ने प्रदेश प्रभारी शैलजा पर टिकट बेचने का आरोप लगाया था। इसी के साथ विनय जायसवाल ने सह प्रभारी चंदन यादव पर 7 लाख रुपए लेकर भी टिकट न देने की बात कही थी। यह बेहद गंभीर आरोप थे जिसके बाद पार्टी ने संज्ञान लेते हुए दोनों को तीन दिनों के अंदर अपने जवाब पर सफाई देने का नोटिस जारी किया था। नोटिस में जवाबों से संतुष्ट ना होते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने दोनों के खिलाफ 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासन का आदेश निकाल दिया।
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