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कोरबा। अपने लोग तो तारीफ करते ही हैं पर बात तब होती है जब विरोधी भी कह उठे कि भाई बंदे में दम तो है। हम बात कोरबा के विधायक और राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल की कर रहे हैं। कोरबा विधानसभा में चुनाव के लिए भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष अशोक चावालानी को चुनाव संचालक बनाया गया है। अब लंबे समय बाद पार्टी ने कोई महत्वपूर्ण दायित्व दिया है, तो वफादारी के लिए कुछ तो बोलना पड़ेगा, कुछ काम करके तो दिखाना पड़ेगा। इसलिए वह उटपटांग बयान दे रहे हैं। लेकिन वास्तविकता यह है कि चावालानी भी जयसिंह की कार्यशैली के कायल हैं, और ऐसा हम नहीं कह रहे हैं। चावलानी ने खुद ही सार्वजनिक मंच से बयान दिया कि वह जयसिंह भैया की कार्यशैली के कायल हैं। उन्होंने खुद ही यह स्वीकार किया है। अभी भले ही वह अपने नंबर बढ़ाने के लिए बात कुछ भी करें, उल जुलूल बयानबाजी करें, लेकिन असलियत इसके विपरीत है।
जो सबको पता भी है।
दरअसल वर्ष 2019 का एक वीडियोन सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। चावलानी तब भाजपा के जिला अध्यक्ष हुआ करते थे।
उस वक्त पुराना बस स्टैंड में उद्यान और सामाजिक भवन का लोकार्पण हुआ था। मंच से चावालानी को भी बोलने का अवसर दिया गया। उन्होंने तब खुले मन से सार्वजनिक बयान दिया कि "हमारी सरकार जो काम 15 साल में नहीं कर पाई। वह जयसिंह भैया ने दो महीने में ही कर दिखाया। हम आवेदन लेकर एक नहीं दो -तीन नहीं कई बार-बार भटकते रहे। किसी को खसरा नंबर नहीं मिलता था। तो किसी को कुछ और नहीं मिलता था। काम लटका हुआ था। जय सिंह और हमारी सरकार में यही अंतर है। भाजपा की सरकार सोचती ज्यादा है। जबकि जयसिंह तुरंत निर्णय लेते हैं। जिससे काम फटाफट हो जाता है।
इतना कुछ जानने के बाद अब आप, यह तो समझ चुके होंगे, की जयसिंह ने चावालानी को अपने लिए शुभ होना क्यों कहा था।
*काम ऐसा कि विपक्षी भी हैं कायल-*
कोरबा विधानसभा के लोग तीन बार जयसिंह अग्रवाल को जितवा चुके हैं। जयसिंह ने यहां जीत की हैट्रिक लगाई है। अब वह चौथी बार मैदान में है। इस बार वह पिछले तीन बार से भी अधिक मजबूत स्थिति में हैं। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी का सर्वे हो या राज्य स्तर के सर्वे। सभी में जयसिंह के भारी बहुमत से जितने का आकलन किया गया है। जनता से किए गए वादे हो, या फिर समाजों का उत्थान। पिछले 5 साल में सबके काम हुए हैं। जिले से लेकर राज्य तक राजस्व विभाग ने ऐतिहासिक काम किया है। कुछ विघ्नसंतोषी और खरपतवारों को छोड़ दिया जाए तो विपक्षी भी जयसिंह अग्रवाल के काम के मुरीद हैं। कुछ लोग ऊपर से भले ही जयसिंह के विरोधी हो, लेकिन अंदर से वह भी ये जानते हैं, कि जो काम बीते 5 साल में जयसिंह की अगुवाई में हुए। वह काम भाजपा की सरकार कभी नहीं कर पाई। जयसिंह जब विपक्ष के विधायक थे, तब भी वे ऐसे कई ऐसे कार्य किये, जो सत्ता में रहते विधायक नहीं कर पाए।