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गंभीर निमोनिया से जूझते 4 महीने के शिशु की बचाई गई जान
गंभीर निमोनिया से जूझते 4 महीने के शिशु की बचाई गई जान

गंभीर निमोनिया से जूझते 4 महीने के शिशु की बचाई गई जान



0 एनकेएच अस्पताल के डॉ. नागेंद्र बागरी और टीम ने किया इलाज

कोरबा। एनकेएच सुपरस्पेशलिटी अस्पताल ने 4 महीने के शिशु को गंभीर निमोनिया और सांस लेने में काफी कठिनाई से बचाया गया। शिशु के फेफड़े में पर्याप्त ऑक्सिजन नहीं पहुंच रहा था। शिशु की उम्मीद लगभग छोड़ चुके परिजनों ने नई जिंदगी मिलने पर कृतज्ञता व्यक्त की है।

अस्पताल के शिशु एवं बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.नागेंद्र बागरी और उनकी टीम ने इस शिशु को बचाने के लिए अपनी पूरी क्षमता से काम किया।
शिशु को 29 अक्टूबर 2024 को एनकेएच अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वह गंभीर निमोनिया,सांस लेने में तकलीफ, कुपोषण के कारण एनीमिया और संभावित हाइपॉक्सिक के दौरे से पीड़ित था। जब शिशु को अस्पताल लाया गया तब उसकी हालत काफी नाजुक थी। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. नागेंद्र बागरी व अस्पताल की टीम ने शिशु को तुरंत हाई-फ्लो नेजल कैनुला (HFNC), वेंटिलेटर सपोर्ट, एंटीबायोटिक्स, एंटी-कंवल्सेंट्स और पोषण चिकित्सा से उपचार देना शुरू किया।
शिशु की स्थिति इतनी गंभीर थी कि उसे लगभग एक महीने तक वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। डॉक्टर के लगातार निगरानी और इलाज के कारण धीरे-धीरे सुधार आने लगा। सुधार होने के बाद उसे वेंटिलेटर से हटाकर हाई-फ्लो नेजल कैनुला पर शिफ्ट किया गया।
तब तक शिशु का ऑक्सीजन लेवल बेहतर हो चुका था और उसने सामान्य तरीके से फीड लेना (दुग्धपान) शुरू कर दिया था। दिसंबर माह में शिशु को पूरी तरह स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।
यह प्रकरण एनकेएच के लिए उपलब्धि है। अस्पताल ने यह सुनिश्चित किया है कि उच्चतम स्तर की स्वास्थ्य सेवाएं हर मरीज को उपलब्ध कराई जा सकती हैं।

0 अस्पताल के लिए गर्व का क्षण : डॉ. एस. चंदानी
एनकेएच ग्रुप में डायरेक्टर डॉ. एस.चंदानी ने कहा कि यह एक चुनौतीपूर्ण मामला था लेकिन हमारी टीम ने 4 महीने के शिशु को गंभीर निमोनिया और श्वसन विफलता से बचाया है। यह उपलब्धि न केवल अस्पताल के लिए गौरवपूर्ण है, बल्कि यह समाज के लिए भी एक प्रेरणा है।" एनकेएच अस्पताल का उद्देश्य हर मरीज को सर्वश्रेष्ठ इलाज देकर समाज की सेवा करना है।

0 सही समय पर सही जानकारी व सही इलाज से बची जान- डॉ. नागेंद्र बागरी
उन्होंने बताया कि सही समय पर सही जानकारी व सही इलाज होने के कारण ही शिशु को गंभीर निमोनिया और श्वसन विफलता से बचाया जा सका।  4 माह का शिशु जिस गंभीर अवस्था में आया था, यदि सही जानकारी न मिलने पर समय से इलाज न हो पाता तो उसकी जान बचाना मुश्किल होता। निमोनिया के कारण ब्लड प्रेशर कम हो गया था,यह शरीर में तेजी से बढ़ रहा था और अगर इसका तुरंत इलाज न किया जाए तो गंभीर जटिलताएं पैदा हो सकती थी। शिशु अब पूर्ण रूप से स्वस्थ है। शिशु को नई जिंदगी मिलने से माता-पिता व परिजनों ने एनकेएच के चिकित्सा स्टाफ को धन्यवाद दिया है।

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