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छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लेकर आगे बढ़ रही है। साथ ही भ्रष्टाचार के विरुद्ध लगातार सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। पूर्व शासनकाल के दौरान हुए 3200 करोड़ रुपये के बहुचर्चित शराब घोटाले में साय सरकार ने अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई करते हुए 29 में से 22 आबकारी अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
निलंबित अधिकारियों के नाम
आबकारी उपायुक्त अनिमेष नेताम, अरविंद कुमार पाटले, नीतू नोतानी, नोहर सिंह ठाकुर, विजय सेन शर्मा, सहायक आयुक्त आबकारी प्रमोद कुमार नेताम, विकास कुमार गोस्वामी, नवीन प्रताप सिंह तोमर, राजेश जायसवाल, मंजुश्री कसेर, दिनकर वासनिक, आशीष कोसम, सौरभ बख्शी, प्रकाश पाल, रामकृष्ण मिश्रा, अलख राम कसेर, सोनल नेताम और जिला आबकारी अधिकारी मोहित कुमार जायसवाल, गरीबपाल सिंह दर्दी, इकबाल अहमद खान, जनार्दन सिंह कौरव, नितिन कुमार खंडूजा।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति लेकर आगे बढ़ रही है। सरकार ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध लगातार सख्त कदम उठाए हैं और दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की जा रही है।
पारदर्शी प्रशासन
छत्तीसगढ़ सरकार ने पारदर्शी प्रशासन को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें जेम पोर्टल से खरीददारी को अनिवार्य करना, ई-ऑफिस प्रणाली की शुरुआत करना और सिंगल विंडो सिस्टम 2.0 के माध्यम से एनओसी की प्रक्रिया को सरल बनाना शामिल है।
भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई
सरकार ने भ्रष्टाचार के विरुद्ध कार्रवाई में आईएएस, आईएफएस से लेकर राज्य सेवा के विभिन्न स्तर के अधिकारियों पर भी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा है कि भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
जांच और कार्रवाई
छत्तीसगढ़ सरकार ने PSC-2021 परीक्षा में हुई अनियमितताओं की जांच CBI को सौंप दी है और भारतमाला योजना और सीजीएमएससी घोटालों की जांच भी EOW को सौंपी गई है। इन मामलों में दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट कहा है कि यह घोटाला पिछली सरकार के कार्यकाल में हुआ था और घोटाले में संलिप्त किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। अब राज्य में भ्रष्टाचार के लिए कोई जगह नहीं है और सरकार का उद्देश्य जनता को पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार प्रशासन देना है।
 
    
    
    
    
        
    








 
                 
            
             
            
            
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                             
                            