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कोरबा बिग ब्रेक,,,अग्रिम जमानत आवेदन खारिज,,,SECLसब एरिया चौहान को जमानत नहीं मिली
पीड़ित को है न्याय की आस

कोल ट्रांसपोर्टर रोहित जायसवाल हत्याकाण्ड के मामले में आरोपी बनाए गए एसईसीएल सरायपाली परियोजना के तत्कालीन सब एरिया मैनेजर सुरेंद्र सिंह चौहान का जमानत आवेदन न्यायालय ने निरस्त कर दिया है।

उन्होंने अपने अधिवक्ता के माध्यम से तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश, कटघोरा एच०के०रात्रे की अदालत में अग्रिम जमानत आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 482 भा०ना०सु०सं० के तहत प्रस्तुत किया था।

न्यायाधीश ने दोनों पक्ष को सुनने व तथ्यों का अवलोकन बाद कहा कि आवेदक / अभियुक्त के ऊपर आरोपित अपराध हत्या जैसे गंभीर प्रकृति का है। प्रकरण में विवेचना अपूर्ण है। इस कारण से इस स्तर पर अग्रिम जमानत का लाभ देना उचित दर्शित नहीं है। प्रकरण में आवेदक / अभियुक्त की ओर से पेश न्यायदृष्टांत के तथ्य इस प्रकरण से भिन्न होने के कारण मान्य किये जाने योग्य नहीं है।

अतः प्रकरण की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए आवेदक /अभियुक्त की ओर से पेश अग्रिम जमानत आवेदन पत्र अंतर्गत धारा 482 भा०ना०सु०सं० अस्वीकार कर निरस्त किया जाता है।

0 आवेदन पर की गई आपत्ति

सुरेन्द्र सिंह चौहान के अग्रिम जमानत आवेदन पर आपत्ति करते हुए मुख्य रूप से यह कहा गया है कि घटना दिनांक व समय को वह सराईपाली खदान में मौजूद था, जिससे स्पष्ट होता है कि घटना में आवेदक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लिप्त है। घटना के पूर्व एस०ई०सी०एल० के अधिकारी को रोशन ठाकुर व उसके साथी सराईपाली खुलीखदान परियोजना के कार्यालय के अंदर घुसकर मारपीट, गाली गलौज व जान से मारने की धमकी दिये थे, इसकी सूचना जब वरिष्ठ अधिकारियों को हुई तब कार्यवाही करते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने रोशन ठाकुर व उसके साथियों को सराईपाली खुली खदान परियोजन में प्रवेश कर रोक लगा दिया था, इसके बावजूद घटनास्थल सराईपाली खुली खदान परियोजना है तथा घटना के समय आवेदक जो सब एरिया मैनेजर है, उपस्थित थे तथा घटना दिनांक को अपने ड्यूटी में थे, इसलिए उनकी जिम्मेदारी बनती है कि जिन-जिन व्यक्तियों को खदान में घुसने पर रोक लगायी गयी है, वह व्यक्ति खदान के अंदर कैसे प्रवेश कर गये। प्रकरण में विवेचना अपूर्ण है। आवेदक विवेचना में सहयोग नहीं कर रहा है। आवेदक अवैध तरीका से कोयला तस्करी कराने का काम करता है। इससे पूर्व रूपचंद देवांगन ने इसके अवैध गतिविधियों के संबंध में शिकायत किया था तब आवेदक के द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारियों से मिलकर उसका स्थानान्तरण करा दिये थे। आपत्तिकर्ता के भाई अनुप जायसवाल ने दिनांक 20.03.2025 को आर्थिक अपराध शाखा रायपुर छ०ग० में एस०ई०सी०एल० उपक्षेत्रीय प्रबंधक सुरेन्द्र सिंह चौहान के खिलाफ जांच कर कार्यवाही करने बाबत आवेदन दिया था, इस आवेदन के एक सप्ताह बाद ही शिकायतकर्ता की हत्या हो जाती है, इससे यह स्पष्ट होता कि हत्या में आवेदक की संलिप्तता है। आवेदक पर हत्या जैसे गंभीर अपराध का आरोप है। राज्य की ओर से उपस्थित ए.पी.पी. संजय जायसवाल ने भी तर्क प्रस्तुत के जमानत पर आपत्ति की।

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