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छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता रामकिंकर सिंह के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द कर दिया है। इस मामले में रामकिंकर सिंह पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने एक व्यक्ति को ऋण दिलाने के लिए गलत सर्च रिपोर्ट दी थी।
हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि रामकिंकर सिंह ने अपनी ड्यूटी के अनुसार सर्च रिपोर्ट दी थी और इसमें उनकी कोई गलती नहीं थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि रामकिंकर सिंह को बैंक के पैनल से नहीं हटाया गया है, जो यह दर्शाता है कि उन्होंने अपनी ड्यूटी के अनुसार काम किया था।
इस मामले में रामकिंकर सिंह के अधिवक्ता अन्शुल तिवारी ने कहा कि यह फैसला न्यायपालिका की स्वतंत्रता और निष्पक्षता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह फैसला यह भी दर्शाता है कि न्यायपालिका किसी भी व्यक्ति को बिना किसी ठोस आधार के दोषी नहीं ठहराती है।
इस मामले में पुलिस ने रामकिंकर सिंह को आरोपी बनाया था और अदालत ने उन्हें आरोपी माना था। लेकिन हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि रामकिंकर सिंह के खिलाफ कोई मामला नहीं बनता है।
इस फैसले से रामकिंकर सिंह को बड़ी राहत मिली है। उन्होंने कहा कि वह न्यायपालिका के इस फैसले के लिए आभारी हैं।