Vijay Dubey (Editor in Chief)
+91-7999704464
Abhishekk Singh Anant (Reporter)
Contact for News & Advertisements
menu
AWESOME! NICE LOVED LOL FUNNY FAIL! OMG! EW!
राख के ढेर में तब्दील हो रहा है शहर… हाईकोर्ट से ऊपर है कोरबा जिले का पर्यावरण संरक्षण मंडल और जिला प्रशासन
राख के ढेर में तब्दील हो रहा है शहर… हाईकोर्ट से ऊपर है कोरबा जिले का पर्यावरण संरक्षण मंडल और जिला प्रशासन

राख के ढेर में तब्दील हो रहा है शहर… हाईकोर्ट से ऊपर है कोरबा जिले का पर्यावरण संरक्षण मंडल और जिला प्रशासन

कोरबा। बिजली कारखानों और कोयला खदानों से घिरे कोरबा शहर में नियम विरुद्ध तरीके से कोयले की राख फेंके जाने का प्रकरण NGT और हाईकोर्ट में जारी रहने के बावजूद शहर और आसपास के इलाकों में अब भी जमीन समतल करने के नाम पर राख फेंकी जा रही है। बताया जा रहा है कि ऐसा भूमाफियाओं द्वारा जमीनों पर कब्ज़ा करने की नीयत से करवाया जा रहा है। वहीं इनके इस कृत्य से राख बहकर जीवन दायिनी हसदेव नदी को भी प्रदूषित कर रही है। इस तरह के मामले में शिकायतों के बावजूद पर्यावरण संरक्षण मंडल और जिला प्रशासन की चुप्पी सवालों के घेरे में है।

हसदेव नदी के किनारे बसा है कोरबा शहर। इस जीवनदायिनी नदी और इससे जुड़े छोटे-बड़े नदी-नालों पर आम लोग ही नहीं बल्कि यहां के बिजली कारखाने और कोयला खदान प्रबंधन भी आश्रित हैं। मगर यही कारखाने और खदान यहां के जनजीवन के लिए सालों से मुसीबत बने हुए हैं। बिजली कारखाने से निकलने वाली राख का निपटारा विधिवत ढंग से करने की बजाय यहां केवल जमीन को समतल करने के लिए किया जा रहा है। इस तरह की प्रक्रिया के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल और छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में कई बार वाद दायर किये गए। इसके मद्देनजर हर बार दिशा-निर्देश (GUIDELINE) भी जारी किये गए। मगर कुछ समय तक उनका पालन करने के बाद नियमों का तोड़ निकाल कर फिर वही काम शुरू कर दिया जाता है। वर्तमान में यहां के दर्री इलाके और बालको के एक बड़े भूभाग में हसदेव नदी और ढेंगुर नाले के पास FLY ASH डाली जा रही है। जिसकी शिकायत के बावजूद प्रशासन द्वारा अब तक इसे रोकने की पहल नहीं की गई है।

नदी में बह रही राख, किसी को चिंता नहीं

कोरबा से दर्री की ओर जाने वाले मार्ग पर हसदेव नदी के ऊपर एक नया पुल बनाया गया है। इसके पास ही एक बड़े भूभाग पर जमीन समतल करने के नाम पर बिजली कारखाने से निकाली गई राख (FLY ASH) फेंकी जा रही है। जब भी इस इलाके में बारिश होती है, बड़े पैमाने पर राख बहकर नदी में प्रवाहित हो जाती है। इससे नदी का पानी जहरीला हो रहा है। पूर्व में किसी अमृतपाल सिंह द्वारा इस मामले की शिकायत जनदर्शन में की गई। जिसके बाद पर्यावरण संरक्षण मंडल से एक अमला सच का पता लगाने भी गया। तात्कालिक तौर पर राख फेंके जाने का काम तो रुक गया मगर यह काम पुनः धड़ल्ले से शुरू हो गया है। सच तो ये है कि इस इलाके में कई स्थानों पर राख फेंके जाने का काम चल रहा है।

 

YOUR REACTION?

Contact us for Website, Software & Android App development : Click Here