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SECL कर्मी हुआ शिकार,11 लाख का पड़ा चिप वाला पेन कार्ड
चिप वाला पेन कार्ड बना कर देने की आड़ में धोखा देकर लिए गए दस्तावेजों के सहारे एसईसीएल कर्मी से 11 लाख की ठगी कर ली गई।
भक्तू दफाई थाना बांकीमोंगरा निवासी केशव प्रसाद एसईसीएल बलगी में बीसीएम के पद पर नौकरी करता है। उसके साथ दीपक दास पिता कार्तिक दास निवासी प्रेमनगर कुसमुण्डा द्वारा धोखाधड़ी किया है। केशव प्रसाद पिता केजूराम 59 साल ने बताया कि उसके बड़े पुत्र शेखर कुमार से दीपक दास का अच्छा जान पहचान एवं दोस्ती हो जाने के कारण दीपक दास का घर आना-जाना लगा रहता था। कुछ दिन बाद घर के बगल में एक किराये का मकान लेकर अपने माता- पिता व छोटे भाई के साथ रहने लगा था तथा दीपक दास प्रेमनगर में च्वाईस सेंटर का काम करता है, कहकर सुना था। पीड़ित केशव प्रसाद का पेन कार्ड पुराना बिना चिप का कागज वाला होने से उसने दीपक दास को पेन कार्ड नया चिप कार्ड वाला बनवाने के लिए बोला। दीपक दास ने सितम्बर 2021 में पेन कार्ड नया बनवाने के नाम से पीड़ित का बैंक पास बुक, पेन कार्ड, एटीएम कार्ड तथा अन्य दस्तावेज सहित मोबाईल सिम को ले लिया। ज्यादा जानकारी नहीं होने से उसके कहे अनुसार केशव सब चीज देते गया। इन दस्तावेजों के सहारे दीपक ने केशव के नाम से दो, तीन कंपनियों से लगभग 8 लाख रूपये का लोन लिया तथा उक्त लोन की रकम को अन्य किसी किसी खाते में ट्रांसफर कर दिया। साथ ही बजाज फायनेंस से कुछ समान भी खरीद लिया। साथ ही पीड़ित के बोनस, सैलरी इत्यादि की रकम को भी एटीएम मशीन से नगद निकालने की जानकारी बैंक में पता करने पर पता चला। इस तरह दीपक दास द्वारा 11 लाख रूपये का धोखाधड़ी किया गया। धोखाधड़ी की जानकारी नवम्बर 2021 में होने पर अपना समस्त कागजात दीपक दास से वापस मांग लिया तथा संपूर्ण रकम वापस करने के लिए बोला तो टालता था और आज तक वापस नहीं दिया है।
0 गिरफ्तारी होने के बाद लिखाया रिपोर्ट
इधर दीपक दास के द्वारा प्रेमनगर के कई अन्य लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर धोखाधड़ी किया गया था। जिसकी रिपोर्ट थाने में होने पर दीपक दास पकड़े जाने के डर से फरार हो गया था तो फरार होने के कारण तथा रकम वापस मिलने की आस में थाना में रिपोर्ट नहीं किया था। दीपक दास को 2-4 दिन पहले कुसमुण्डा पुलिस द्वारा पकड़े जाने की जानकारी केशव को मिली तो उक्त घटना के संबंध में आवेदन दिया। केशव प्रसाद की रिपोर्ट पर दीपक दास के विरुद्ध धारा
420-IPC के तहत जुर्म दर्ज किया गया है।