Vijay Dubey (Editor in Chief)
+91-9165012144
Abhishekk Singh Anant (Reporter)
Contact for News & Advertisements
menu
AWESOME! NICE LOVED LOL FUNNY FAIL! OMG! EW!
'कांग्रेस नेता लाभ लेने बन गया OBC':शख्स ने कहा-उससे मेरा ब्लड रिलेशन, पर मैं सामान्य वर्ग से हूं;आयोग ने दिए हैं जांच के आदेश
भिलाई नगर निगम के वार्ड 66 (सेक्टर 7 पूर्व) से पार्षद कांग्रेस नेता व एमआईसी मेंबर लक्ष्मीपति राजू के जाति को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने जांच के निर्देश दिए हैं। मगर इस जांच को दबा दिया गया है। इस बारे में जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर) पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने कोई भी जानकारी होने से मना किया है।

'कांग्रेस नेता लाभ लेने बन गया OBC':शख्स ने कहा-उससे मेरा ब्लड रिलेशन, पर मैं सामान्य वर्ग से हूं;आयोग ने दिए हैं जांच के आदेश

भिलाई नगर निगम के वार्ड 66 (सेक्टर 7 पूर्व) से पार्षद कांग्रेस नेता व एमआईसी मेंबर लक्ष्मीपति राजू के जाति को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने जांच के निर्देश दिए हैं। मगर इस जांच को दबा दिया गया है। इस बारे में जिला निर्वाचन अधिकारी (कलेक्टर) पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने कोई भी जानकारी होने से मना किया है।

 

इधर, शिकायतकर्ता बी नागेश्वर राव ने शासन से मांग की है कि या तो लक्ष्मीपति राजू के खिलाफ कार्रवाई की जाए, नहीं तो उसकी जाति और समाज के सभी लोगों को ओबीसी कैटेगरी में रखा जाए।

शिकायतकर्ता बी नागेश्वर राव से भास्कर ने खास बातचीत की है।
शिकायतकर्ता बी नागेश्वर राव से भास्कर ने खास बातचीत की है।

शिकायतकर्ता बी नागेश्वर राव भिलाई टाउनशिप का रहने वाला है और बिजली विभाग में पदस्थ है। उसका कहना है कि वो और लक्ष्मीपति राजू एक गांव, जाति और समाज के हैं। उन दोनों के बीच ब्लड रिलेशन भी है। उनकी जाति सामान्य वर्ग में आती है, लेकिन राजनीतिक लाभ लेने के लिए लक्ष्मीपति राजू ने गलत ओबीसी जाति का प्रमाणपत्र बनाया और उससे पार्षद चुनाव लड़ा है।

वो लगातार कई बार वार्ड 66 से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीतने के बाद उसका मानदेय और भत्ता ले रहा है। इसलिए उसने उस मामले की शिकायत छत्तीसगढ़ राज्य निर्वाचन आयोग नवा रायपुर अटल नगर में की थी।

आयोग से उप सचिव द्वारा 20 अप्रैल 2023 को जिला निर्वाचन अधिकारी दुर्ग को पत्र लिखा गया, जिसमें निर्देश दिया गया कि लक्ष्मीपति राजू के खिलाफ गलत तरीके से प्रमाणपत्र बनाकर चुनाव जीतने की शिकायत की जांच कर आयोग को अवगत कराया जाए। इस निर्देश के 1 महीने बाद हालत यह है कि जांच तो दूर, कलेक्टर का कहना है कि उन्हें ऐसे किसी भी पत्र के बारे में जानकारी ही नहीं है। उनका कहना है कि मैं मामले को चेक करवा लेता हूं। उसके बाद इसके बारे में कुछ बता पाऊंगा।

 

YOUR REACTION?

Contact us for Website, Software & Android App development : Click Here