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कोरबा: समाजसेविका और जनसेवा की मूरत, स्वर्गीय श्रीमती कौशल्या महतो की दशगात्र, पगड़ी रस्म और चन्दनपान कार्यक्रम में आज कोरबा का हर दिल भारी हो उठा। सीतामढ़ी स्थित उनके निवास स्थल ऋषिकेश में आयोजित इस भावपूर्ण कार्यक्रम में, समाज के हर वर्ग के लोग एकत्रित हुए। राज्य के कैबिनेट मंत्री, भाजपा के वरिष्ठ नेता, वर्तमान और पूर्व सांसद, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी, व्यापारी बंधु, और गणमान्य नागरिकों ने श्रीमती महतो को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। हर आंख नम थी, हर दिल उनके जाने के गम से भरा हुआ।
विनम्र विदाई में उमड़ा शोक और सम्मान: जनसैलाब ने यह साबित कर दिया कि श्रीमती कौशल्या महतो का जीवन समाज के प्रति उनके समर्पण और सेवा की मिसाल था। कार्यक्रम में उपस्थित लोग, चाहे वे नेता हों या व्यापारी, उनके द्वारा किए गए मानवता के कार्यों को याद करते हुए भावुक हो उठे। उनके जीवन की प्रेरणा और उनकी सेवाभावना को याद करते हुए, हर कोई इस बात से सहमत था कि श्रीमती महतो का जाना कोरबा के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
आज के कार्यक्रम में श्रीमती महतो के प्रति जो सम्मान और श्रद्धा उमड़ी, वह उनके महान व्यक्तित्व का परिचायक थी। अंतिम संस्कार के बाद के इस आयोजन में पगड़ी रस्म के साथ ही चन्दनपान की रस्में भी संपन्न हुईं। इस दौरान उपस्थित जनसमुदाय ने श्रीमती महतो के पुत्र भाजपा प्रदेश मंत्री विकास महतो को ढांढस बंधाया, लेकिन हर कोई जानता था कि माँ जैसी अनमोल आत्मा का जाना एक ऐसा घाव है, जिसे समय भी पूरी तरह से भर नहीं सकता।
वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों का भावपूर्ण संबोधन: कार्यक्रम के दौरान कई नेताओं ने अपने संबोधन में श्रीमती महतो के योगदानों को याद किया। उन्होंने कहा कि श्रीमती महतो का जीवन सेवा और समर्पण की एक ज्वलंत मिसाल था। उन्होंने जीवनभर निःस्वार्थ भाव से गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा की, और उनके जीवन के आदर्शों से आने वाली पीढ़ियां प्रेरणा लेती रहेंगी। राज्य के कैबिनेट मंत्री ने भावुक होकर कहा, "श्रीमती कौशल्या महतो का जाना एक संपूर्ण युग के अंत जैसा है। उनकी विरासत उनके कार्यों में जीवित रहेगी।"
वर्तमान और पूर्व सांसदों, विधायकों और वरिष्ठ अधिकारियों ने भी श्रीमती महतो के प्रति अपनी संवेदनाएं प्रकट कीं। सभी ने एक स्वर में कहा कि उनके द्वारा समाज के लिए किए गए कार्य सदैव याद रखे जाएंगे। उनकी सेवा भावना और दया का कोई मोल नहीं लगाया जा सकता। उनके जाने से कोरबा की जनता ने न केवल एक समाजसेविका, बल्कि एक माँ जैसी शख्सियत को खो दिया है, जो हर किसी के दुख-दर्द में साथ खड़ी रहती थीं।
समाज की अनमोल धरोहर: आज की पगड़ी रस्म और दशगात्र के मौके पर उमड़ी भीड़ ने यह स्पष्ट कर दिया कि श्रीमती कौशल्या महतो केवल एक व्यक्ति नहीं थीं, बल्कि समाज की अनमोल धरोहर थीं। उनके द्वारा किए गए कार्य आज भी कोरबा के हर व्यक्ति के दिल में जीवित हैं। चाहे वह गरीबों की मदद हो, या महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए उनके प्रयास, हर कार्य में उनकी ममता और सेवा भावना झलकती थी।
आज के इस भावुक कार्यक्रम में शामिल हर व्यक्ति की आंखें नम थीं, और हर दिल इस सचाई से भरा हुआ था कि अब कोरबा में एक ऐसी शख्सियत नहीं रही, जो निःस्वार्थ भाव से समाज की सेवा करती थी। उनके कार्यों की छाया में उनका नाम हमेशा अमर रहेगा, और उनकी यादें आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेंगी।
इस अवसर पर श्रीमती महतो के परिवार को पूरे समाज की ओर से सांत्वना दी गई, लेकिन हर कोई जानता है कि ऐसी शख्सियत की कमी को पूरा करना नामुमकिन है।