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CBI की टीम नॉर्दन कोलफील्ड लिमिटेड(NCL) के टॉप अधिकारियो के ठिकानों तक पहुंच गई है. भ्रष्टाचार के आरोप में CBI की बड़ी कार्यवाही है.भ्रष्टाचार मामले में शक एनसीएल के चीफ विजिलेंस ऑफिसर, पूर्व सीएमडी, डीजीएम, डायरेक्टर और दो मैनेजरों पर भी है।
दिल्ली की सीबीआई टीम ने सोमवार को दूसरे दिन एएसपी मुकेश कुमार के नेतृत्व में एनसीएल के निदेशक (तकनीक योजनाएं एवं परियोजना) सुनील प्रसाद सिंह और मुख्य सतर्कता अधिकारी (परियोजना) [CVO] रवींद्र प्रसाद के घर पर छापा मारा। जानकारी होते ही सीवीओ घर से फरार हो गए। उनके आवास पर स्थानीय पुलिस फोर्स तैनाती कर दी गई। सख्त निर्देश दिया गया कि कोई भी व्यक्ति घर में प्रवेश न कर पाए। निदेशक (तकनीक योजनाएं एवं परियोजना) के घर से कई महत्वपूर्ण अभिलेख हाथ लगे। दावा किया गया कि इनसे उन अफसरों का पता चलेगा जो मशीन खरीद भ्रष्टाचार में जुड़े हैं और उन्हें कितने रुपये घूस दिए गए।
गंभीर बात यह भी है कि भ्रष्टाचारी के इस मामले को दबाने में कथित रूप से सीबीआई का भी एक अधिकारी शामिल पाया गया।
CBI का क्या कहना है
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि मामले में शिकायत मिली थी कि सिंगरौली स्थित एनसीएल में टॉप लेवल से लेकर निचले स्तर तक बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है। सीबीआई ने जाल बिछाया और कार्रवाई शुरू कर दी। इस कार्रवाई में अभी तक एनसीएल के सीएमडी के निजी सचिव और मैनेजर (सचिवालय) सूबेदार ओझा, मैनेजर एडमिन रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सिंह और सीबीआई की जबलपुर एसीबी के डिप्टी एसपी जॉय जोसेफ दामले के अलावा मिडिलमैन और संगम इंजीनियरिंग कंपनी के डायरेक्टर रवि शंकर सिंह और इसके साथी दिवेश सिंह को गिरफ्तार किया है।
सीएमडी का निज सचिव घर में छिपाए पैसे पड़ोसी के घर फेकने लगा था, मिले 3 सोने के कछुए
बता दे की सीबीआई ने 17 अगस्त को सीएमडी के निजी सचिव सूबेदार ओझा के घर पर छापेमारी की थी। इसके यहां से सीबीआई को 3.85 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। इससे पहले जब सीबीआई ओझा के घर पहुंची थी। तब इसने सीबीआई की टीम को देखकर अपने घर का गेट बंद कर लिया था और घर में छिपाए पैसे पड़ोसी के घर पर फेंकने लगा था। जैसे तैसे करके सीबीआई टीम अंदर पहुंची और करोड़ों रुपये के साथ इसे गिरफ्तार किया। ओझा के घर के पीछे से सोने के तीन कछुए भी बरामद हुए जिनका वजन लगभग दो सौ ग्राम आंका गया था।
CBI की जांच मध्यप्रदेश के बाहर दूसरे राज्य तक जा पहुंची
सीबीआई की मध्य प्रदेश नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने सिंगरौली, जबलपुर, नोएडा के अलावा मेरठ, रांची और नागपुर समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें अब तक पांच गिरफ्तारियां भी की गई।
SECL के कतिपय अधिकारी जांच की चपेट में आ सकते है ?CBI की रडार में पूर्व CMD
CBI की एनसीएल में बड़ी छापेमार कार्यवाही से कोयलांचल में हड़कंप मचा हुआ हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार SECL (साऊथ ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड) के कतिपय अधिकारी भी सीबीआई की जांच की चपेट में आ सकते है। दर असल एक एनसीएल के पूर्व सीएमडी जो पहले एसईसीएल में थे सीबीआई की रडार में है.एसईसीएल में पदस्थ रहते हुए इन्होंने क्या कारनामे किए इसकी जांच की जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
CBI की टीम नॉर्दन कोलफील्ड लिमिटेड(NCL) के टॉप अधिकारियो के ठिकानों तक पहुंच गई है. भ्रष्टाचार के आरोप में CBI की बड़ी कार्यवाही है.भ्रष्टाचार मामले में शक एनसीएल के चीफ विजिलेंस ऑफिसर, पूर्व सीएमडी, डीजीएम, डायरेक्टर और दो मैनेजरों पर भी है।
दिल्ली की सीबीआई टीम ने सोमवार को दूसरे दिन एएसपी मुकेश कुमार के नेतृत्व में एनसीएल के निदेशक (तकनीक योजनाएं एवं परियोजना) सुनील प्रसाद सिंह और मुख्य सतर्कता अधिकारी (परियोजना) [CVO] रवींद्र प्रसाद के घर पर छापा मारा। जानकारी होते ही सीवीओ घर से फरार हो गए। उनके आवास पर स्थानीय पुलिस फोर्स तैनाती कर दी गई। सख्त निर्देश दिया गया कि कोई भी व्यक्ति घर में प्रवेश न कर पाए। निदेशक (तकनीक योजनाएं एवं परियोजना) के घर से कई महत्वपूर्ण अभिलेख हाथ लगे। दावा किया गया कि इनसे उन अफसरों का पता चलेगा जो मशीन खरीद भ्रष्टाचार में जुड़े हैं और उन्हें कितने रुपये घूस दिए गए।
गंभीर बात यह भी है कि भ्रष्टाचारी के इस मामले को दबाने में कथित रूप से सीबीआई का भी एक अधिकारी शामिल पाया गया।
CBI का क्या कहना है
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि मामले में शिकायत मिली थी कि सिंगरौली स्थित एनसीएल में टॉप लेवल से लेकर निचले स्तर तक बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है। सीबीआई ने जाल बिछाया और कार्रवाई शुरू कर दी। इस कार्रवाई में अभी तक एनसीएल के सीएमडी के निजी सचिव और मैनेजर (सचिवालय) सूबेदार ओझा, मैनेजर एडमिन रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सिंह और सीबीआई की जबलपुर एसीबी के डिप्टी एसपी जॉय जोसेफ दामले के अलावा मिडिलमैन और संगम इंजीनियरिंग कंपनी के डायरेक्टर रवि शंकर सिंह और इसके साथी दिवेश सिंह को गिरफ्तार किया है।
सीएमडी का निज सचिव घर में छिपाए पैसे पड़ोसी के घर फेकने लगा था, मिले 3 सोने के कछुए
बता दे की सीबीआई ने 17 अगस्त को सीएमडी के निजी सचिव सूबेदार ओझा के घर पर छापेमारी की थी। इसके यहां से सीबीआई को 3.85 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। इससे पहले जब सीबीआई ओझा के घर पहुंची थी। तब इसने सीबीआई की टीम को देखकर अपने घर का गेट बंद कर लिया था और घर में छिपाए पैसे पड़ोसी के घर पर फेंकने लगा था। जैसे तैसे करके सीबीआई टीम अंदर पहुंची और करोड़ों रुपये के साथ इसे गिरफ्तार किया। ओझा के घर के पीछे से सोने के तीन कछुए भी बरामद हुए जिनका वजन लगभग दो सौ ग्राम आंका गया था।
CBI की जांच मध्यप्रदेश के बाहर दूसरे राज्य तक जा पहुंची
सीबीआई की मध्य प्रदेश नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने सिंगरौली, जबलपुर, नोएडा के अलावा मेरठ, रांची और नागपुर समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें अब तक पांच गिरफ्तारियां भी की गई।
SECL के कतिपय अधिकारी जांच की चपेट में आ सकते है ?CBI की रडार में पूर्व CMD
CBI की एनसीएल में बड़ी छापेमार कार्यवाही से कोयलांचल में हड़कंप मचा हुआ हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार SECL (साऊथ ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड) के कतिपय अधिकारी भी सीबीआई की जांच की चपेट में आ सकते है। दर असल एक एनसीएल के पूर्व सीएमडी जो पहले एसईसीएल में थे सीबीआई की रडार में है.एसईसीएल में पदस्थ रहते हुए इन्होंने क्या कारनामे किए इसकी जांच की जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।
CBI की टीम नॉर्दन कोलफील्ड लिमिटेड(NCL) के टॉप अधिकारियो के ठिकानों तक पहुंच गई है. भ्रष्टाचार के आरोप में CBI की बड़ी कार्यवाही है.भ्रष्टाचार मामले में शक एनसीएल के चीफ विजिलेंस ऑफिसर, पूर्व सीएमडी, डीजीएम, डायरेक्टर और दो मैनेजरों पर भी है।
दिल्ली की सीबीआई टीम ने सोमवार को दूसरे दिन एएसपी मुकेश कुमार के नेतृत्व में एनसीएल के निदेशक (तकनीक योजनाएं एवं परियोजना) सुनील प्रसाद सिंह और मुख्य सतर्कता अधिकारी (परियोजना) [CVO] रवींद्र प्रसाद के घर पर छापा मारा। जानकारी होते ही सीवीओ घर से फरार हो गए। उनके आवास पर स्थानीय पुलिस फोर्स तैनाती कर दी गई। सख्त निर्देश दिया गया कि कोई भी व्यक्ति घर में प्रवेश न कर पाए। निदेशक (तकनीक योजनाएं एवं परियोजना) के घर से कई महत्वपूर्ण अभिलेख हाथ लगे। दावा किया गया कि इनसे उन अफसरों का पता चलेगा जो मशीन खरीद भ्रष्टाचार में जुड़े हैं और उन्हें कितने रुपये घूस दिए गए।
गंभीर बात यह भी है कि भ्रष्टाचारी के इस मामले को दबाने में कथित रूप से सीबीआई का भी एक अधिकारी शामिल पाया गया।
CBI का क्या कहना है
सीबीआई के एक अधिकारी ने बताया कि मामले में शिकायत मिली थी कि सिंगरौली स्थित एनसीएल में टॉप लेवल से लेकर निचले स्तर तक बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हो रहा है। सीबीआई ने जाल बिछाया और कार्रवाई शुरू कर दी। इस कार्रवाई में अभी तक एनसीएल के सीएमडी के निजी सचिव और मैनेजर (सचिवालय) सूबेदार ओझा, मैनेजर एडमिन रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल बसंत कुमार सिंह और सीबीआई की जबलपुर एसीबी के डिप्टी एसपी जॉय जोसेफ दामले के अलावा मिडिलमैन और संगम इंजीनियरिंग कंपनी के डायरेक्टर रवि शंकर सिंह और इसके साथी दिवेश सिंह को गिरफ्तार किया है।
सीएमडी का निज सचिव घर में छिपाए पैसे पड़ोसी के घर फेकने लगा था, मिले 3 सोने के कछुए
बता दे की सीबीआई ने 17 अगस्त को सीएमडी के निजी सचिव सूबेदार ओझा के घर पर छापेमारी की थी। इसके यहां से सीबीआई को 3.85 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। इससे पहले जब सीबीआई ओझा के घर पहुंची थी। तब इसने सीबीआई की टीम को देखकर अपने घर का गेट बंद कर लिया था और घर में छिपाए पैसे पड़ोसी के घर पर फेंकने लगा था। जैसे तैसे करके सीबीआई टीम अंदर पहुंची और करोड़ों रुपये के साथ इसे गिरफ्तार किया। ओझा के घर के पीछे से सोने के तीन कछुए भी बरामद हुए जिनका वजन लगभग दो सौ ग्राम आंका गया था।
CBI की जांच मध्यप्रदेश के बाहर दूसरे राज्य तक जा पहुंची
सीबीआई की मध्य प्रदेश नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। जांच एजेंसी ने सिंगरौली, जबलपुर, नोएडा के अलावा मेरठ, रांची और नागपुर समेत 25 ठिकानों पर छापेमारी की है। इसमें अब तक पांच गिरफ्तारियां भी की गई।
SECL के कतिपय अधिकारी जांच की चपेट में आ सकते है ?CBI की रडार में पूर्व CMD
CBI की एनसीएल में बड़ी छापेमार कार्यवाही से कोयलांचल में हड़कंप मचा हुआ हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार SECL (साऊथ ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड) के कतिपय अधिकारी भी सीबीआई की जांच की चपेट में आ सकते है। दर असल एक एनसीएल के पूर्व सीएमडी जो पहले एसईसीएल में थे सीबीआई की रडार में है.एसईसीएल में पदस्थ रहते हुए इन्होंने क्या कारनामे किए इसकी जांच की जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी।